बीजू जनता जल (बीजेडी) के निलंबित सांसद बैजयंत पांडा से पार्टी ने इस्ताफा मांगा है। पार्टी का कहना है कि पांडा एक कंपनी से भी वेतन ले रहे थे जिसे उन्होंने छिपाया है और इस बात का जिक्र चुनाव आयोग के हलफनामे में भी नहीं किया।
बीजेडी के प्रवक्ता समसित पात्रा का कहना है कि पांडा ने इस बात को छुपाया कि वह इंडियन मेटल्स एंड अलॉयज लिमिटेड (आईएमएफए) के कर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं और वहां से वेतन रूपए ले रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में भी इस बात का जिक्र नहीं किया है। यह नैतिकता का सवाल है और उन्हें लोकसभा सदस्यता से इस्ताफी देना चाहिए।
पांडा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 24 जनवरी को उड़ीसा के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने निलंबित कर दिया था। पांडा ने पीआरआई चुनाव में अपने संसदीय क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार नहीं किया तथा पार्टी की आलोचना के चलते पांडा को मई 2017 में प्रवक्ता पद से भी हटा दिया गया था। हालाकि पांडा ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। मालूम हो कि बैजयंत पांडा 2009 और 2014 में लोकसभा के लिए चुने गए जबकि 2000 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य रहे हैं।