बसपा प्रमुख और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हनुमान जी की जाति बताने वाले मामले को लेकर भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि समाज को जातियों में बांटने के बाद अब देवी देवताओं को भी जाति में बांटने की राजनीति शुरू हो गई है। सांप्रदायिकता की राजनीति फैलाने वालों से लोगों को सावधान रहना चाहिये।
इस स्तर की राजनीति पर लगे रोक
भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम में बसपा प्रमुख ने कहा कि जाति और संप्रदाय की राजनीति से सामाजिक भेदभाव का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवान हनुमान को दलित समुदाय का बताने वाले कथित बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वोट और चुनावी स्वार्थ की राजनीति में भाजपा के सीनियर नेता भी अब देवी-देवताओं और आस्थाओं को नहीं बख्श रहे हैं। इस तरह की राजनीति पर रोक लगानी चाहिए।
संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने का आरोप
मायावती ने दावा कि सरकार दलितों और गरीबों की हितैषी सभी संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के मामलों में सरकार की नीति और रणनीति गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार जब-जब किसानों को बड़े-बड़े लुभावने वायदों में बहकाने का प्रयास करती है, तब-तब किसान सरकार की गलत नीति और रवैये का विरोध करने के लिये दिल्ली की सड़कों पर उतरते हैं। सरकार 20121 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा कर रही है जबकि आज किसान कर्ज के बोझ तले दबा है।