उन्होंने कहा, शांति और स्थिरता तभी संभव है जब हम दृढ़ संकल्प के साथ विश्वास बहाली के उपायों, सुलह की प्रक्रिया और जम्मू कश्मीर के इर्द-गिर्द संवाद को पुनर्जीवित करते हैं। महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर का क्षेत्र में शांति और स्थिरता में बड़ा हिस्सा है क्योंकि जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में लोगों को कटुता की वजह से भारी मानवीय और आर्थिक नुकसानों को भुगतना पड़ता है।
इससे पहले आज दिन में राज्य में सरकार गठन के बारे में विचार करने के लिए पीडीपी की एक आंतरिक बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि राज्य में भाजपा और पीडीपी का गठबंधन बना रहेगा मगर सरकार बनाने पर अंतिम फैसला महबूबा मुफ्ती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलकर करेंगे। इसके साथ ही यह तय हो गया कि राज्य में अब किसी भी समय नई सरकार का गठन हो सकता है। गौरतलब है कि दिसंबर में राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि महबूबा कब राज्य की कमान संभालेंगी, मगर महबूबा ने जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने का फैसला किया था। वैसे भी बताया जा रहा है कि महबूबा अपने पिता की मौत के बाद कम से कम 60 दिन तक शोक की अवधि पूरा करना चाहती थीं और इसलिए उन्होंने सरकार गठन में जल्दबाजी नहीं की।