पश्चिम बंगाल में 12 घंटे का बंद आहूत करने की कोशिश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की कई स्थानों पर बुधवार को पुलिस से झड़प हुई।
सुबह से ही सड़कों और रेल की पटरियों को अवरुद्ध करने के लिए पूर्व राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली और विधायक अग्निमित्रा पॉल समेत कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
भाजपा ने मंगलवार को ‘नबान्न अभियान’ में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया जो आज सुबह छह बजे शुरू हो गया।
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए राज्य सचिवालय (नबान्न) तक मार्च निकाला गया था। यह मार्च एक नवगठित छात्र समूह ‘छात्र समाज’ ने आयोजित किया था।
इस बंद से राज्य में जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है और कई लोग सड़कों पर उपद्रव की आशंका से अपने घरों में ही मौजूद हैं।
राजधानी कोलकाता में सड़कों पर चहल-पहल कम है। सड़कों पर बहुत कम बस, ऑटो रिक्शा और टैक्सी नजर आ रही हैं। निजी वाहनों की संख्या भी कम है। हालांकि, बाजार और दुकानें पहले की तरह खुली हैं।
स्कूल और कॉलेज खुले हैं लेकिन ज्यादातर निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति बेहद कम है क्योंकि उन्हें घर से काम करने को कहा गया है। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति पहले की तरह सामान्य है।
बंद लागू करवाने की कोशिश के लिए राज्य में कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
गांगुली और पॉल को दक्षिण कोलकाता के गरियाहाट इलाके से हिरासत में लिया गया जब वे व्यापारियों से दुकानें बंद करने और लोगों से बंद का समर्थन करने का अनुरोध कर रही थीं।
कोलकाता नगर निगम के पार्षद सजल घोष को पास के कोले बाजार में बंद को लागू करने की कोशिश के दौरान भाजपा और तृणमूल समर्थकों के बीच हाथापाई होने के तुरंत बाद सियालदाह में उनके आवास से हिरासत में ले लिया गया।
इसके बाद उनकी पत्नी तानिया घोष ने पुलिस पर बिना किसी वारंट के उनके पति को हिरासत में लेने का आरोप लगाते हुए एक रैली निकाली।
बाद में, उपायुक्त (मध्य) इंदिरा मुखर्जी ने कहा कि घोष को उकसावे वाली टिप्पणियां करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने बागुईहाटी में एक जुलूस का नेतृत्व किया और इस दौरान उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस के साथ उनकी बहस हुई। पूर्व सांसद देबाश्री चौधरी और सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता भी उनके साथ थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्यामबाजार और विप्रो मोड़ में भी प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने यातायात की आवाजाही के लिए उन्हें सड़कों से हटाने के वास्ते त्वरित कार्रवाई की।
पूर्वी रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि बंद के समर्थकों ने राज्य में उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले 49 स्थानों पर रेल की पटरियां अवरुद्ध कर दीं।
उन्होंने बताया कि ज्यादातर स्थानों पर अवरोध हटा दिया गया लेकिन नौ स्टेशन पर अवरोध जारी है जिनमें से ज्यादातर स्टेशन सियालदाह दक्षिण सेक्शन पर हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में उत्तर 24 परगना के बनगांव स्टेशन, दक्षिण 24 परगना के गोचरण स्टेशन और मुर्शिदाबाद स्टेशन पर प्रदर्शन किया। उत्तर 24 परगना के बैरकपुर स्टेशन पर उस समय तनाव व्याप्त हो गया, जब भाजपा समर्थक और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए।
उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में भाजपा ने आरोप लगाया कि उसके दो कार्यकर्ताओं को गोली मारी गयी है।
बहरहाल, पुलिस ने दावा किया कि एंग्लो इंडिया जूट मिल के बाहर कुछ लोगों ने दोनों व्यक्तियों की पिटायी की। उन्होंने बताया कि घायलों को इलाज के लिए भाटपाड़ा के राजकीय अस्पताल ले जाया गया है।
भाजपा के पूर्व सांसद अर्जुन सिंह और जगद्दल से तृणमूल विधायक सोमनाथ श्याम घटना के बाद अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे जिससे तनाव पैदा हो गया । पुलिस ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को काबू में किया।
सिंह ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के समर्थक बदमाशों ने गोलियां चलायीं, अगर पुलिस नहीं होती तो हम तृणमूल को जनता की ताकत दिखाते।’’
वहीं, श्याम ने कहा कि भाजपा नेता इलाके में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
सड़कों पर भाजपा समर्थकों के धरना प्रदर्शन के कारण उत्तरी पश्चिम बंगाल के कूचबिहार, अलीपुरद्वार, सिलीगुड़ी और मालदा तथा राज्य के दक्षिणी हिस्से में पुरुलिया, बांकुड़ा और कुछ अन्य स्थानों पर कुछ समय के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बाधित हुईं।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपने गृह जिले पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में एक विरोध मार्च की अगुवाई की।
मालदा में एक सड़क अवरुद्ध करने को लेकर तृणमूल तथा भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी। पुलिस ने कार्रवाई कर भीड़ को तितर-बितर किया।
अलीपुरद्वार में एक मुख्य सड़क को अवरुद्ध करने की कोशिश के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गयी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘दफा एक दाबी एक, मुख्यमंत्रीर पदत्याग’ (एक ही मांग, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें) जैसे नारे लगाए।