उत्तर प्रदेश में दलित आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे चंद्रशेखर ने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने चंद्रशेखर पर निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर चंद्रशेखर को भाजपा का गुप्तचर तक बता दिया है।
मायावती ने ट्वीट किया है, 'दलितों का वोट बांटकर भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए ही भाजपा भीम आर्मी के चंद्रशेखर को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा रही है। भाजपा ने गुप्तचरी करने के लिए पहले चंद्रशेखर को बीएसपी में भेजने का प्रयास किया लेकिन उनका यह षड्यंत्र विफल रहा।'
भाजपा पर साधा निशाना
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह संगठन बीजेपी ने ही षड्यंत्र के तहत बनवाया है और इसकी आड़ में भी अपनी दलित-विरोधी मानसिकता वाली घिनौनी राजनीति कर रही है। अहंकारी, निरंकुश और घोर जातिवादी और सांप्रदायिक बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए आपका एक-एक वोट बहुत कीमती है। इसे किसी भी हाल में बर्बाद नहीं होने दें।
पहले भी बताया था भाजपा का प्रोडक्ट
इससे पहले सहारनपुर में जातीय हिंसा को लेकर चर्चा में आई भीम आर्मी को भाजपा का प्रोडक्ट बताते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस संगठन के साथ किसी तरह के संबंध से इनकार किया था। उन्होंने कहा था, 'सहारानपुर में बसपा के लोगों का मानना है कि भीम आर्मी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी का ही प्रोडक्ट है।'
भाजपा-कांग्रेस दोनों से पहले ही अलग
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा था कि चंद्रशेखर दिग्भ्रमित हैं। अभी उनका कोई स्टैंड नहीं हैं। दलित पहले से भाजपा के साथ हैं। किसी के साथ आने से भाजपा से दलितों का साथ छूटने वाला नहीं हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी चंद्रशेखर से मिली थीं लेकिन भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने साफ कहा था कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन करने की कोई वजह ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया।