केंद्र सरकार उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर सकती है, जिसमें अदालत ने दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के अधिकार क्षेत्र पर केंद्र की हालिया अधिसूचना को 'संदिग्ध' करार दिया था। उच्च न्यायालय के इस फैसले के ठीक बाद ही केंद्र ने मामले को आगे बढ़ाने के संकेत दिए थे। केंद्र ने कहा था कि वह मामले में पक्ष नहीं है और फैसले की प्रति मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई पर विचार करेगा। उच्च न्यायालय ने इस मामले में कहा था कि दिल्ली के उप राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता से काम करने के लिए बाध्य हैं।
दूसरी ओर दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के आखिरी दिन बुधवार को आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा की। इस दौरान आप विधायक महेंद्र गोयल ने नोटिफिकेशन की कॉपी फाड़ डाली। उन्होंने ऐसा अपना विरोध जताने के लिए किया। गौरतलब है कि 21 मई को दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर जारी किए गए केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में उपराज्यपाल को दिल्ली का शासन प्रमुख बताते हुए तबादले और नियुक्ति का अधिकार उनके पास बताया गया था।