ममता ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी को लेकर लोगों की परेशानियों को नजर अंदाज किया और उन्हें 'फकीर' बना दिया। ममता ने एक जनसभा ने कहा कि, 'लोगों की परेशानियाेें को समझते हुए वेनेजुएला ने नोटबंदी का निर्णय वापस ले लिया लेकिन मोदी सरकार ने किसी की भी नहीं सुनी। यह गूंगों और बहरों की सरकार है।'
तृणमूल सुप्रीमो ममता ने कहा किए, 'आम लोग नोटबंदी से होने वाली समस्याएं समझते हैं लेकिन पीएम मोदी नहीं समझते। हमें नहीं मालूम कि वह कब तक समझेंगे। जब तक वह समझेंगे तब तक देश अकाल की चपेट में ही रहेेगा। स्थिति ऐसी है कि लोग अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। हमें नहीं पता कि क्या यह सुरक्षित है?'
ममता ने केंद्र सरकार को डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देेने के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि, 'वह कह रहे हैं कि यह ऐप खरीदिए, यह मोबाइल खरीदिए। उनकी मत सुनिए, वर्ना आप फकीर बन जाएंगे।'
ममता बनर्जी ने जोर देकर पीएम मोदी से फकीर की परिभाषा पूछी है। उन्होंने कहा कि 100 दिन के काम के पैसे का भुगतान कमीशन के एवज में पेटीएम से नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को कमीशन लेना बंद करना चाहिए। ममता ने भारतीय जनता पार्टी पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि जब वह लोग भोजन उपलब्ध नहीं करा सकते तो धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं।