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बोले अखिलेश, 2019 के लिए विपक्ष को लामबंद करे कांग्रेस

गुजरात विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन ने विपक्षी दलों की उम्मीदें बढ़ा...
बोले अखिलेश, 2019 के लिए विपक्ष को लामबंद करे कांग्रेस

गुजरात विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन ने विपक्षी दलों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का बड़ा गठबंधन आकार ले सकता है। सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसके संकेत दिए हैं।

अखिलेश ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव में बदलाव लाने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एकसाथ लाना चाहिए। उनके मुताबिक अगले आम चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों और क्षेत्रीय मुद्दों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,"भाजपा सबका साथ सबका विकास की बात करती है। लेकिन हम समाज के सभी तबकों को न्याय दिलाने की कोशिश करते हैं, तो यही भाजपा इसे तुष्टीकरण कहती है। हम सभी तबकों और सभी लोगों से बात करके ही एक मजबूत भारत बना सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि जब किसान दुखी और युवा बेरोजगार रहेंगे तो देश प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा,"चुनाव मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए। साल 2019 में किसानों की समस्याएं आैर युवाओं की बेरोजगारी मुद्दे हैं, आप बदलाव देखेंगे।" राहुल गांधी हाल ही में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने हैं। उसके बाद से ही यह चर्चा चल रही थी कि क्या विपक्षी दल उनको अपना नेता मानने को तैयार होंगे।

अखिलेश का बयान इस दिशा में अहम माना जा रहा है। सपा ने इस साल की शुरुआत में कांग्रेस के साथ मिलकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि गठबंधन को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। लेकिन, गुजरात के नतीजों से विपक्षी दलों में नया उत्साह देखा जा रहा है। यहां तक ‌कि भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा है, "जब हार के डर से (भाजपा के) बड़े-बड़े महारथियों के चेहरे स्याह पड़ गए थे तब राहुल गांधी नतीजे की परवाह किए बगैर चुनावी रण में लड़ रहे थे। यही आत्मविश्वास उनको आगे ले जाएगा।" 

गौरतलब है कि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में कांग्रेस 70 सीटें जीत चुकी है और सात पर आगे चल रही है। उसके सहयोगी तीन सीटों पर कामयाब रहे हैं। भाजपा 99 सीटें हासिल कर सरकार बनाती दिख रही है। लेकिन, 2012 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस की सीट और वोट हिस्सेदारी दोनों में इजाफा हुआ है, जबकि भाजपा को 16 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। 

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