कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उनकी पार्टी की हार ‘‘चौंकाने’’ वाली है और उन्होंने इसे राज्य विधानसभा चुनावों में ‘‘अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन’’ करार दिया।
चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘महायुति’ सरकार की ‘लाडकी बहिन योजना’ ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं को पसंद आई, जबकि ध्रुवीकरण ने राज्य के शहरी इलाकों में विपक्षी महाविकास आघाडी (एमवीए) की संभावनाओं को प्रभावित किया।
कराड दक्षिण सीट से हारने वाले चव्हाण ने कहा, ‘‘यह कहना मुश्किल है कि कोई लहर थी या धांधली हुई।’’ राज्य की 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को हुए चुनावों के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए। चव्हाण सहित एमवीए के कई बड़े नेता चुनाव हार गए। एमवीए के हिस्से के रूप में 101 सीट पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने केवल 16 सीट जीतकर अपनी सबसे बुरी हार दर्ज की।
चव्हाण ने कहा कि उन्हें सतारा जिले की कराड दक्षिण सीट पर 5,000 से 6,000 वोट से जीत की उम्मीद थी। लेकिन, उन्होंने कहा कि जिले में एमवीए के सभी उम्मीदवार लगभग 40,000 मतों के अंतर से हार गए।
शनिवार को निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित परिणामों के अनुसार, भाजपा के अतुल भोसले ने कराड दक्षिण में पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण को 39,355 मतों के अंतर से हराया। चव्हाण ने कहा कि 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को महाराष्ट्र में 48 में से 20 सीट मिली थी, जो सबसे कम सीट थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक चौंकाने वाली हार है और विधानसभा चुनावों में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है।