मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस मराठा समुदाय के हितों के खिलाफ बोल रही है और इसके परिणाम उसे इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भुगतने होंगे।
जालना के अंतरवाली सारथी गांव में अपने अनिश्चितकालीन अनशन के तीसरे दिन संवाददाताओं से बात करते हुए जरांगे ने मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की अपनी मांग दोहराई, जिसमें कुनबियों को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘रक्त संबंधी’ के रूप में मान्यता दी गई है और उन्होंने कुनबियों की मराठा के रूप में पहचान के लिए एक कानून की मांग की।
जालना से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद कल्याण काले ने सोमवार को गांव का दौरा किया और जरांगे से मुलाकात की।
कुनबी एक कृषि समूह है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है। जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए जाएं ताकि वे आरक्षण के लाभ के लिए पात्र बन सकें।
इस वर्ष फरवरी में महाराष्ट्र विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था जिसमें एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने ओबीसी में से इस समुदाय को आरक्षण दिए जाने का विरोध किया था।
वडेट्टीवार की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने सोमवार को कहा, ‘कांग्रेस ने हाल के लोकसभा चुनावों में मराठा लोगों से वोट लिए और अब वे हमारे हितों के खिलाफ बोल रहे हैं। विधानसभा चुनावों में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।’