17वीं लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी अपने चुनावी अभियान की समीक्षा करने में जुटी हुई है। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी समीक्षा बैठक की। इस बैठक में पार्टी के नेताओं ने एक सुर में प्रियंका गांधी को 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की है। बैठक में हार के लिए कमजोर संगठन को जिम्मेदार मान गया जबकि पार्टी का मानना है कि भविष्य में पार्टी को गठबंधन नहीं करना चाहिए।
प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की उठी मांग
प्रियंका ने रायबरेली के गेस्ट हाउस में नेताओं-कार्यकर्ताओं से अलग-अलग मुलाकात की और सबकी बात सुनी। प्रियंका ने अलग-अलग जिलाध्यक्षों और समन्वयकों से भी बातचीत की और उनसे फीडबैक लिया। वाराणसी के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा ने कहा कि, 'प्रियंका गांधी से आगामी उपचुनावों और राज्य में होने वाले चुनावों के लिए पार्टी को मजबूत बनाने का अनुरोध किया गया है। हमने उनसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का भी अनुरोध किया ताकि बीजेपी को शिकस्त दी जा सके। पार्टी के नेताओं का यह भी कहना था कि हमें बिना गठबंधन का चुनाव लड़ना चाहिए।
‘राज्यभर में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम किया जा रहा है’
राजेश मिश्रा ने कहा, 'ज्यादातर नेताओं का मानना है कि संगठन के कमजोर होने की वजह से पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ा। राज्यभर में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम किया जा रहा है। हमने मिलकर काम करने का तय किया है ताकि संगठन को मजबूत और कारगर बनाया जा सके। अगर प्रियंका डोर-टु-डोर प्रचार की जिम्मेदारी संभालती हैं तो निश्चित रूप से राज्य में हमारी सरकार होगी।'
‘भविष्यमें जरूर वापसी करेगी कांग्रेस’
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी के अधिकांश नेता चाहते हैं कि राज्य में 12 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में पार्टी अपने दम पर मैदान में उतरे। हम भले ही लोकसभा चुनाव हार चुके हैं लेकिन हमारी पार्टी भविष्य में जरूर वापसी करेगी। हम 2022 का विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ेंगे।
‘बीजेपी ने लोकतंत्र का मजाक बनाकर रख दिया है’
कांग्रेस के टिकट पर बहराइच में लोकसभा चुनाव हार चुकी सावित्री बाई फुले का कहना है कि हम चुनाव इसलिए हारे क्योंकि चुनाव बैलेट पेपर पर नहीं हुए। बीजेपी ने लोकतंत्र का मजाक बनाकर रख दिया है। ईवीएम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं। मैं नेतृत्व से मांग करती हूं कि ईवीएम को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाए और फिर से बैलेट पेपर वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की जाए।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि अमेठी में कांग्रेस की हार को लेकर राहुल और प्रियंका गांधी को रिपोर्ट सौंप दी गई है। राहुल गांधी अमेठी में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से 55,000 वोटों के मामूल अंतर से हार गए थे। सूत्रों के मुताबिक कुछ जिला अध्यक्ष ने उम्मीदवारों के चयन पर भी सवाल उठाए हैं।