हरियाणा कांग्रेस के बागी नेता कुलदीप बिश्नोई ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। अब वह चार अगस्त यानी गुरुवार को भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान पूर्व विधायक रेणुका बिश्नोई, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, भाजपा विधायक दूड़ाराम और लक्ष्मण नापा मौजूद रहे।
इस्तीफे के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि मनमुटाव परिवार में भी हो जाते हैं। मनमुटाव दुश्मनी में नहीं बदलने चाहिए। कांग्रेस आदमपुर से चुनाव जीतकर दिखाए, मैं चुनाव हारा तो राजनीति छोड़ दूंगा। भाजपा में एक कार्यकर्ता के तौर पर ज्वाइन करूंगा।
बिश्नोई के इस्तीफे के बाद अब हिसार जिले की आदमपुर सीट पर उपचुनाव कराना होगा, जिसका वर्तमान में बिश्नोई प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
बता दें कि 53 वर्षीय बिश्नोई को जून में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के तुरंत बाद कांग्रेस द्वारा पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया गया था।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे की जांच करा रहे हैं। इस्तीफे की भाषा ठीक है। शाम तक जांच प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग को सूचना भेजी जाएगी। आयोग की अधिसूचना के बाद आदमपुर सीट खाली होगी।
हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट से 2019 में कांग्रेस विधायक बने कुलदीप बिश्नोई चार अगस्त को भाजपा के शामिल हो जाएंगे। मंगलवार को कुलदीप ने आदमपुर में समर्थकों के बीच इसका ऐलान किया था। बुधवार को उन्होंने छह साल बाद कांग्रेस को अलविदा कह दिया और विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया।
बताया जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे। आलाकमान से उन्हें उम्मीद थी। मगर पार्टी ने अप्रैल महीने में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के समर्थक पूर्व विधायक उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इससे कुलदीप नाराज हो गए। उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा, जो नहीं मिला। इससे नाराजगी इतनी बढ़ी कि कुलदीप ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के बजाय निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को वोट दे दिया। इससे उनकी नजदीकियां भाजपा से और बढ़ीं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा सीएम मनोहर लाल के साथ उनकी कई बैठकें हुईं और यहीं से भाजपा में जाने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ।