बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला विधायक द्वारा विवादित टिप्पणी को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले की मुगलसराय सीट से भाजपा विधायक साधना सिंह ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि जिस समाजवादी पार्टी ने उनका चीर हरण किया उसी से गठबंधन कर उन्होंने नारी जाति को कलंकित किया है। यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने मायावती के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी की हो। इससे पहले भी कई नेताओं ने मायावती को लेकर विवादित बयान दिए हैं।
2016 में विधानसभा चुनावों के पहले भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती की तुलना वैश्या से की थी, जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा और पार्टी से निकाल दिया गया।
भाजपा विधायक साधना सिंह ने क्या कहा?
मुगलसराय से भाजपरा विधायक साधना सिंह ने चंदौली जिले के परपुरा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री न महिला लगती हैं और न ही पुरुष। जिस महिला का इतना बड़ा चीर हरण हुआ, सब कुछ लुट गया उन्होंने सत्ता सुख हासिल करने के लिए अपने सम्मान को बेच दिया। और समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर महिलाओं की अस्मत पर दाग लगाया है। उन्होंने कहा कि हमें उनको महिला कहने में भी संकोच लगता है वो किन्नर से भी बदतर हैं।
दयाशंकर सिंह ने क्या कहा था?
साल 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती की तुलना वैश्या से की थी। इस घटना के बाद राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया था। इसे लेकर बसपा और विपक्ष के नेताओं ने दलित विरोधी बताते हुए जबरदस्त विरोध किया था। इसके बाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें पार्टी ने भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
रीता बहुगुणा भी दे चुकी हैं विवादित बयान
साल 2009 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष और वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भी मायावती पर आपत्तीजनक बयान दिया था। बलात्कार के एक मामले में तत्कालीन यूपी की मायावती सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने को लेकर मुरादाबाद में टिप्पणी करते हुए जोशी ने कहा था कि उनके (मायावती) बलात्कार के बदले यह रकम कम है, इसे मायावती के मुंह पर फेंक देना चाहिए। जोशी के इस बयान से आक्रोशित बीएसपी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने 15 जुलाई 2009 को उनके घर में आगजनी की थी। वहीं उन्हें मुरादाबाद में मुख्यमंत्री के बारे में अपमानजनक भाषण देने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने अपने विवादास्पद बयान के लिए उन्होंने खेद भी प्रकट किया लेकिन मायावती ने कहा कि उनका अपराध माफी योग्य नही है।