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‘निगम चुनाव जल्लीकट्टू जैसा, जहां एक सांड़ को हमेशा के लिए काबू में करेंगे’

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि नगर निगम चुनावों में उनकी पार्टी भाजपा का साथ छोड़कर अकेले उतरेगी लेकिन इस बारे में कुछ नहीं बताया कि राजग सरकार में उनका दल गठबंधन सहयोगी बना रहेगा या नहीं। ठाकरे ने कहा कि निगम के आगामी चुनाव जल्लीकट्टू से कम नहीं हैं जहां एक सांड़ को हमेशा के लिए काबू में करना जरूरी है।
‘निगम चुनाव जल्लीकट्टू जैसा, जहां एक सांड़ को हमेशा के लिए काबू में करेंगे’

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा के साथ कोई भी रहे लेकिन राज्य में परिवर्तन आएगा। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

उद्धव ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए अपने आक्रामक भाषण में खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की तस्वीरें नहीं छापने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित करने के मुद्दे को भी उठाया।

उपनगर गोरेगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की सभा को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, मुझे भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता का फोन नहीं आया। शिवसेना 50 साल पुरानी है। हालांकि गठबंधन :भाजपा के साथ: में हमारे समय के 25 साल सबसे खराब रहे। हमने हिंदुत्व के मुद्दे पर हमेशा आपकी :भाजपा: सराहना की। शिवसेना का जन्म सत्ता के लिए नहीं हुआ लेकिन अगर कोई भी शिवसेना को कमजोर आंकने की भूल करेगा तो हम उसे उखाड़ फेंकेंगे।

भाजपा पर शिवसेना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए पार्टी प्रमुख ने कहा, आगामी निगम चुनावों में शिवसेना गठबंधन नहीं करेगी। हम अकेले दम पर महाराष्‍ट्र में भगवा फहराएंगे।

केंद्र और महाराष्‍ट्र की राजग सरकारों में शिवसेना गठबंधन सहयोगी है वहीं बृहन्मुंबई महानगरपालिका में वह सत्तारूढ़ है। दो दशक से अधिक समय से निगम पर शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन में कब्जा रहा है।

ठाकरे ने अपने तीखे भाषण में कहा कि शिवसेना बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने को तैयार है और उसे ऐसे सिपाहियों की जरूरत है जिनमें पीछे से वार करने के बजाय सामने से हमला करने का साहस हो।

शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, एक बार मैंने फैसला कर लिया तो मैं नहीं चाहता कि इस पर कोई सवाल खड़ा करे। अगर आप मेरे साथ खड़े रहने का वादा करते हैं तो मैंने महाराष्‍ट्र में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। मैं किसी के दरवाजे पर गठबंधन के लिए भीख का कटोरा लेकर नहीं जाउंगा। मैंने फैसला कर लिया है कि किसी नगर निगम या जिला परिषद के चुनाव में कोई गठबंधन नहीं होगा।

तमिलनाडु में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव जल्लीकट्टू से कम नहीं हैं जहां एक सांड़ को हमेशा के लिए काबू में करना जरूरी है।

उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं का जोरदार तालियों के साथ समर्थन भी मिला। गठबंधन की बातचीत में आखिर में गतिरोध तब आया जब शिवसेना ने बीएमसी की कुल 227 सीटों में से 114 सीटों पर भाजपा के दावे के विपरीत उसे महज 60 सीटों की पेशकश की।

शिवसेना के नियंत्रण वाले बीएमसी के कामकाज में पारदर्शिता की भाजपा की मांग के संदर्भ में ठाकरे ने कहा, जब आप पारदर्शिता की बात करते हैं तो हम राज्य सरकार और केंद्र में भी उसी तरह की पारदर्शिता की अपेक्षा रखते हैं।

ठाकरे ने भाजपा का नाम नहीं लिया लेकिन गुंडों की भर्ती को लेकर उस पर निशाना साधा। भाजपा नीत केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए शिवसेना प्रमुख ने आरोप लगाया कि देश में आज डर का माहौल है और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ जो भी बोलता है, उसे देशविरोधी बताया जाता है।

उद्धव ठाकरे ने कहा, वे लोग आज सबकुछ भूल गये हैं जिनके साथ अगर शिवसेना सुप्रीमो :दिवंगत बाल ठाकरे: नहीं खड़े होते तो वे कचरे की पेटी में होते।

इस बीच फडणवीस ने कहा, सत्ता हमारा अंतिम लक्ष्य नहीं है बल्कि यह विकास का माध्यम है। जो हमारे साथ आता है, हम उसे साथ लेकर चलेंगे और जो नहीं आना चाहते, उन्हें छोड़ देंगे। हमारा एजेंडा पारदर्शी प्रशासन का है। बदलाव होकर रहेगा, चाहे जो भी हमारे साथ आए या नहीं आए।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने कहा कि राज्य सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और ठाकरे ने राज्य सरकार में शिवसेना के समर्थन पर कुछ नहीं कहा है।

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, मुझे गहरा दुख हुआ कि सालों तक साथ काम करने के बाद वे अलग हो गये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा, लोग जानते हैं कि कांग्रेस बेहतर विकल्प है। शिवसेना और भाजपा मिलकर लड़ें या अकेले, हमें फर्क नहीं पड़ता।

कांग्रेस के मुंबई इकाई के प्रमुख संजय निरुपम का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए इन दोनों पार्टियों के बीच संबंध टूटने से उनकी पार्टी इसका फायदा उठाने के लिए बिल्कुल तैयार है। उन्होंने केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से शिवसेना को समर्थन वापस लेने की चुनौती दी।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका के साथ नासिक, पुणे, कोल्हापुर और नागपुर समेत राज्य के 10 नगर निगमों के लिए चुनाव 21 फरवरी को होने हैं। राज्य की 25 जिला परिषदों के लिए चुनाव दो चरणों में 16 और 21 फरवरी को होगा। भाषा

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