आंध्र प्रदेश में कडप्पा शहर की एक अदालत ने राजनीतिक दलों को पूर्व मंत्री विवेकानंद रेड्डी की हत्या को वाईएसआर कांग्रेस तथा उसके नेताओं से जोड़ते हुए अपमानजनक टिप्पणियां करने से 30 अप्रैल तक रोक दिया है।
कडप्पा की प्रधान जिला न्यायाधीश जी श्रीदेवी ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक स्थानीय नेता की याचिका पर 16 अप्रैल को यह अंतरिम आदेश दिया था।
अदालत ने आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रमुख वाई एस शर्मिला, रिश्ते में उनकी बहन सुनीता, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू, जनसेना प्रमुख पवन कल्याण, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी तथा इन राजनीतिक दलों के समर्थकों को मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी तथा वाईएसआरसीपी के कडप्पा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार वाई एस अविनाश रेड्डी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई विवेकानंद रेड्डी की मार्च 2019 में कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला में उनके आवास में हत्या कर दी गयी थी। कडप्पा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी इस मामले के आरोपियों में से एक हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘इस अदालत की राय है कि जब कोई मामला सक्षम अदालत के समक्ष विचाराधीन है तो किसी को भी अदालत में हस्तक्षेप करने और अपना फैसला सुनाने का अधिकार नहीं है।’’
विवेकानंद रेड्डी की हत्या का मामला आंध्र प्रदेश में चुनाव प्रचार का एक मुद्दा बन गया है। शर्मिला, चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण और अन्य नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया और कई मौकों पर इस हत्या के तार जगनमोहन रेड्डी से जोड़ते हुए वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा है।