जैसे-जैसे 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे महागठबंधन बनाने की तैयारियां भी तेज होती जा रही हैं। भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए को सत्ता में आने से रोकने के लिए समय-समय पर विपक्षी एकता एकजुट होती रही है। इसी कड़ी में तमिलनाडु में सीपीएम डीएमके ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है।
मंगलवार को डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन से मीटिंग के बाद सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने आगामी चुनावों पर पार्टी की भूमिका स्पष्ट करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी डीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। भारत के लोगों की एकता, शांति और संविधान को बचाने के लिए हम तमिलनाडु में डीएमके के साथ हैं।
'भाजपा से देश को बचाने लिए एकजुट'
सीताराम येचुरी ने चुनावों के मद्देनजर डीएमके प्रमुख एम के स्टलिन से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी। उन्होंने कहा कि अभी हमारा गठबंधन राज्य स्तर पर हुआ है तथा राष्ट्रीय स्तर पर बाद में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्टालिन से मुलाकात सकारात्मक रही। मुख्य एजेंडा यही था कि गैर-सांप्रदायिक ताकतें एक साथ आएं और भाजपा से देश को बचाने में भूमिका निभाएं। पिछले चार सालों में आम आदमी जीवन यापन के लिए परेशान हैं और सरकार लगातार उस पर हमला कर रही है।
नायडू ने भी की थी मुलाकात
पिछले दिनों आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए के खिलाफ विपक्षी मोर्चा को इकट्ठा करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए चेन्नई में डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन से भी मिले थे।