दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के बीच एक बार फिर तलवार खिंचती नजर आ रही है। ताजा विवाद दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) में हुई भर्तियों में कथित गड़बड़ी का है। अपने सरकारी आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने अपने खिलाफ हुई एफआईआर की कॉपी वितरित की जिसमें डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल के साथ ज्ञात/संदिग्ध/अज्ञात आरोपी के रूप में उनका भी नाम है। आप प्रमुख ने मोदी के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि आप सरकार जल्द ही दिल्ली विधानसभा का एक विशेष सत्र आहूत करेगी जिसमें वह दर्ज किए गए एफआईआर के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा, एसीबी द्वारा दर्ज एफआईआर में मेरा भी नाम है, लेकिन इसमें मेरी कथित भूमिका को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। कोई भी इस तरह प्राथमिकी में मुख्यमंत्री का नाम दर्ज नहीं करता। उन्होंने कहा, यह प्रधानमंत्री की मंजूरी के बिना नहीं हो सकता। यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर एफआईआर दर्ज की गई है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने आरोप लगाया कि यह दिल्ली सरकार को अस्थिर करने का एक प्रयास है। एसीबी ने सोमवार को महिला आयोग की भर्ती में कथित अनियमितताओं के आरोप में मालीवाल के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। डीसीडब्ल्यू की पूर्व प्रमुख बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। एसीबी प्रमुख मुकेश कुमार मीणा ने मामले के बारे में बताया था कि मालीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (डी), भादंसं की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।