पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए गए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को रक्षा संबंधी 21 सदस्यीय सलाहकार समिति में शामिल किया गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 81 वर्षीय नेता सौ दिनों से ज्यादा समय से अपने श्रीनगर स्थित आवास में ही नजरबंद हैं। संसदीय सलाहकार समिति का नेतृत्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं।
समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व रक्षा मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीएमसी के सौगत रॉय, डीएमके के ए राजा शामिल हैं। इसके अलावा इसमें विवादास्पद भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान अपने आपत्तिजनक बयानों को लेकर प्रज्ञा ठाकुर चर्चा में आई थीं।
5 अगस्त को किया गया था नजरबंद
फारुक अब्दुल्ला को 5 अगस्त को हिरासत में लिया गया था, जब केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी राज्य में 5,000 से अधिक लोगों के साथ हिरासत में लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को पीएसए के तहत फारुक अब्दुल्ला की हिरासत पर फटकार लगाई थी। एमडीएमके नेता वाइको ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर उनकी हिरासत को चुनौती दी थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और तीन बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे फारूक अब्दुल्ला पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस एक्ट के तहत किसी व्यक्ति को तीन से छह महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है।