डीयू के कुलपति योगेश त्यागी से भेंट के बाद आप नेता संजय सिंह ने दावा किया कि कुलपति ने रिकॉर्ड देने से इंकार करते हुए कहा कि वह काफी दबाव में हैं। सिंह ने दावा किया कि त्यागी असहाय दिखाई दे रहे थे। मामले में मोदी पर हमले में अग्रणी भूमिका निभा रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हैरानी जताई कि दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी ने प्रधानमंत्री की बीए डिग्री का रिकॉर्ड साझा करने से क्यों मना कर दिया जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरूण जेटली तीन दिन पहले संवाददाता सम्मेलन में दस्तावेज जारी कर चुके हैं। केजरीवाल ने पूछा, जेटली जी और अमित जी ने संवाददाता सम्मेलन में कागजात दिखाने के बाद कहा जाओ अब जाकर डीयू में देख लो। अब वीसी ने मना कर दिया। आखिर प्रधानमंत्री की डिग्री के पीछे क्या राज है।
संजय सिंह ने कहा कि डीयू की ओर से विवरण साझा करने से इंकार पर उन संदेहों को मजबूती मिली है कि मोदी की बीए की डिग्री जाली है। सिंह ने कहा, मोदी की डिग्री जाली होने के बारे में हमारा संदेह मजबूत होता जा रहा है। हमने एक घंटे से ज्यादा समय तक वीसी के साथ बैठक की लेकिन उन्होंने डिग्री या किसी रिकॉर्ड को दिखाने से इंकार कर दिया। उन्होंने हमसे अपनी स्थिति भी समझने को कहते हुए कहा कि इस मुद्दे को लेकर उनपर बहुत दबाव है। आप नेता ने यहां तक कहा कि त्यागी असहाय हैं और उनपर दबाव दिखता है और यहां तक कि बैठक में एक बार भी उन्होंने नहीं कहा कि डिग्री असली है।
आप नेता आशुतोष ने कहा कि उस समय छात्रों को जो अंकपत्रा जारी होता था तो आवेदक का नाम और विषय हाथ से लिखा जाता था लेकिन भाजपा की ओर से जारी मोदी के अंकपत्र में आवेदक का नाम और विषय हाथ से नहीं लिखा गया है। आशुतोष ने कहा, छात्रों से हासिल हमारे पास जो अंकपत्र हैं उनपर हाथ से लिखा है जबकि श्री मोदी का अंकपत्र हाथ से नहीं लिखा गया है, क्यों। उन्होंने सवाल उठाया कि हमारे पास जो अंकपत्र है उसमें पास्ड लिखा गया है। श्री मोदी के अंकपत्र में पास्ड हाथ से क्यों नहीं लिखा गया है। साथ ही आशुतोष ने कहा, मोदी जी का अंकपत्र कंप्यूटर से तैयार किया गया लगता है। क्या 1975 में दिल्ली विश्वविद्यालय के पास कंप्यूटर था। मोदीजी के अंकपत्र में आधुनिक फोंट का इस्तेमाल किया गया। क्या 1975 में ये फोंट उपलब्ध था।