समझा जाता है कि यह कदम 31 अक्टूबर तक मंत्रिमंडल में फेरबदल के पूर्वानुमान के तहत ही उठाया गया है ताकि 43 महीने पुरानी समाजवादी पार्टी सरकार में नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही थी।
प्रदेश मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए मंत्रियों में शिवकुमार बेरिया, भगवत शरण गंगवार, अंबिका चौधरी, अरिंदम चौधरी, अरिदमन सिंह, आलोक कुमार शेकिया, योगेश प्रताप सिंह, शिवकांत ओझा तथा नारद राय शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि सपा हाईकमान की यह कार्रवाई तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। मंत्रियों को बर्खास्त करने का यह फैसला उनके कामकाज में हील-हवाली, कुछ मामलों में संलिप्तता और कुछ के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर किया गया है।
जिन नौ मंत्रियों का विभाग छीना गया है उमें रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, अवधेश प्रसाद और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन शामिल हैं। जिन अन्य मंत्रियों को मंत्रालय से हटाया गया है उनमें पारस नाथ यादव, रामगोविंद चौधरी, दुर्गा प्रसाद यादव, ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी, इकबाल मसूद तथा महबूब अली शामिल हैं। इन सभी के विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री के पास ही रहेंगे। करीबी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को मंत्रिमंडल का नए सिरे से विस्तार कर सकते हैं। इससे पहले अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाइक से देर रात मुलाकात कर उन्हें अपने मंत्रिमंडल के विस्तार की जानकारी दी और उनकी अनुमति मांगी। नए मंत्रियों का शपथग्रहण संभवतः 31 अक्टूबर को सुबह साढ़े दस बजे लखनऊ के राजभवन में होगा।