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पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने सीएम ममता बनर्जी के चार पुलिस अफसरों का किया तबादला

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले चार आईपीएस अफसरों का...
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने सीएम ममता बनर्जी के चार पुलिस अफसरों का किया तबादला

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले चार आईपीएस अफसरों का शुक्रवार रात तबादला कर दिया। चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक, सीबीआई के खिलाफ धरने के दौरान हर वक्त ममता के साथ दिखे कोलकाता के पुलिस कमिश्नर अनुज शर्मा का भी तबादला हो चुका है।

चुनावी ड्यूटी से दूर रहेंगे चारों अफसर

अनुज शर्मा के अलावा आयोग ने तीन और पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि जिन चार अफसरों का तबादला हुआ है, उन्हें चुनाव से संबंधित कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाए। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय डे के नाम लिखी चिट्ठी में चुनाव आयोग ने कहा कि तबादलों का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

चारों की जगह अब किसे जिम्मेदारी?

चुनाव आयोग ने बिधाननगर के पुलिस कमिश्नर ज्ञानवंत सिंह, डायमंड हार्बर के एसपी एस. सेल्वमुरुगन और बीरभूम के एसपी श्याम सिंह का भी ट्रांसफर कर दिया। आयोग के सचिव राकेश कुमार के नाम से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एडीजी डॉ. राजेश कुमार को कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है, जबकि एडीजी और आईजीपी (संचालन) नटराजन रमेश बाबू को बिधाननगर का पुलिस कमिश्नर बनाया है। आयोग ने बिधाननगर के डीसी (हवाई अड्डा संभाग) अवन्नू रवींद्रनाथ को बीरभूम का नया एसपी नियुक्त किया और थर्ड बटालियन के डीसी केएपी श्रीहरि पांडे को डायमंड हार्बर का एसपी नियुक्त किया है। डायमंड हार्बर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी दोबारा चुनाव मैदान में हैं जबकि बीरभूम और बोलपुर लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी को समर्थन हासिल होता दिख रहा है।

विकल्प तलाश रही है ममता सरकार

आयोग ने कहा कि तबादले का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हुआ है और स्थानांतरित अधिकारियों के संबंध में एक अनुपालन रिपोर्ट अगले 24 घंटों के भीतर भेजनी है। राज्य सरकार ने चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। माना जा रहा है कि राज्य सरकार विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। एक सीनियर अफसर ने कहा, 'राज्य सरकार सभी विकल्पों को तलाश रही है, जिनमें कानूनी विकल्प भी शामिल है।' ध्यान रहे कि एक सप्ताह पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के ठीक इसी तरह के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। आयोग ने आंध्र प्रदेश के तीन आईपीएस ऑफिसरों का तबादला कर दिया था, जिनमें डीजीपी (इंटेलिजेंस) भी शामिल थे।

राजीव कुमार पर भी चुनाव आयोग से टकराई थीं ममता

ममता बनर्जी ने अप्रैल 2016 में कोलकाता के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के तबादले के चुनाव आयोग के आदेश का खुलकर विरोध किया था और चुनाव खत्म होते ही राजीव कुमार को फिर वही पद वापस कर दिया था।

भाजपा ने की थी शिकायत

केंद्र की सत्ता में आसीन भाजपा पश्चिम बंगाल सरकार पर चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही है। भाजपा के सीनियर लीडर मुकुल रॉय ने कोलकाता और बिधाननगर के पुलिस कमिश्नरों क्रमशः अनुज शर्मा और श्याम सिंह के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी। हालांकि, यह पता नहीं है कि क्या डायमंड हार्बर और बीरभूम के पुलिस अधीक्षकों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई थी। भाजपा ने बंगाल में हिंसा की आशंका जताते हुए पूरे राज्य को अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की मांग की थी। पश्चिम बंगाल में 11 अप्रैल से सभी सातों चरणों में मतदान होने हैं।

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