पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि जब तक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए। को वापस नहीं ले लिया जाता तब तक मैं अपना विरोध खत्म नहीं करुंगी। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ यह सुनिश्चित कीजिए कि आपका नाम मतदाता सूची में हो। बाकी का काम मैं देख लूंगी। किसी को भी यह देश नहीं छोड़ना पड़ेगा।
पुरुलिया में एक सभा में उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा वैध नागरिकों की नागरिकता छीनने की योजना बना रही है। मैं हर किसी से भाजपा के खिलाफ हाथ मिलाने और हर जगह उसे अलग-थलग करने की अपील करती हूं।’’
'शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बताया जा रहा है राष्ट्रविरोधी'
ममता बनर्जी ने कहा कि जो भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा है उसे राष्ट्र विरोधी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू नहीं होने देंगी जिसे पहले ही उनकी सरकार ने रोक रखा है। बता दें कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में सीएए और एनआरसी के विरोध में वह लगातार मार्च और रैलियां कर रही हैं।
'जब तक मैं जिंदा हूं, बंगाल में नहीं लागू होगा सीएए'
इससे पहले ममता बनर्जी ने सीएए के खिलाफ देशभर में चल रहे छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि यह कैसे हो सकता है कि वे 18 साल की उम्र में सरकार चुनने के लिए मतदान तो करें, लेकिन उन्हें विरोध करने का अधिकार न दिया जाए। उन्होंने कहा, "छात्र काले कानून का विरोध क्यों नहीं कर सकते? केंद्र सरकार प्रदर्शकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर रही है।" उन्होंने कहा, "जब तक मैं जीवित हूं तब तक बंगाल में सीएए लागू नहीं होगा। कोई भी देश या राज्य छोड़कर नहीं जाएगा। बंगाल में कोई निरोध केन्द्र नहीं बनेगा।"
2019 के लोकसभा चुनावों में टीएमसी के गढ़ में सेंध लगाने वाली भाजपा 2021 के विधानसभा चुनाव में बनर्जी को चुनौती देने की उम्मीद कर रही है। बता दें कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ देशभर में विरोध हो रहा है। इस आंदोलन में कई की जान चली गई है और कई के खिलाफ मुकदमे दर्ज जेल दिया गया है।