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जयललिता के सभी विभाग पनीरसेल्वम को सौंपे

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के 22 सितंबर से अस्पताल में भर्ती होने के कारण तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने आज वे सारे विभाग वित्त मंत्री ओ पनीरसेल्वम को सौंप दिये जो जयललिता के पास थे लेकिन साथ ही कहा कि अन्नाद्रमुक प्रमुख ही मुख्यमंत्री रहेंगी।
जयललिता के सभी विभाग पनीरसेल्वम को सौंपे

राजभवन की ओर से आज जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 166 के खण्ड तीन के तहत तमिलनाडु के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री जे जयललिता द्वारा देखे जा रहे विषयों को ओ पनीरसेल्वम को सौंप दिया। जयललिता के पास पुलिस, गृह और सामान्य प्रशासन सहित कई अन्य विभाग की जिम्मेदारी है।

इसमें साथ ही कहा गया है कि पनीरसेल्वम ही मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता भी करेंगे। गौरतलब है कि उनके पास वित्त के अलावा प्रशासनिक सुधार विभाग पहले से है। विज्ञप्ति में कहा गया है, मुख्यमंत्री के सुझाव पर यह व्यवस्था की गई है और मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने तक यह जारी रहेगी। इसमें साथ ही कहा गया है कि जयललिता मुख्यमंत्री बनी रहेंगी। बुखार और निर्जलीकरण की शिकायत के बाद 68 वर्षीय जयललिता को 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इस बीच देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने जयललिता के जल्द ठीक होने की कामना की है। आंध्र प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्रियों ने भी उनके जल्द पूरी तरह स्वस्थ होने की कामना की। उधर पुलिस ने अन्नाद्रमुक अध्यक्ष की सेहत के बारे में अफवाहों को लेकर सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी जारी की है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने जयललिता के लिए तिरुपति मंदिर का प्रसादम भेजा वहीं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने कैबिनेट सहयोगी चौधरी जुल्फिकार अली को जयललिता के खैर खबर लेने और अपनी शुभकामनाओं के साथ अपोलो अस्पताल भेजा। अन्नाद्रमुक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल में लिखा गया कि नायडू ने तिरुपति के मंदिर से अपोलो अस्पताल प्रसादम भेजा है। तमिलनाडु के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एम कृष्णसामी ने भी अस्पताल का दौरा किया।

इस बीच पुलिस ने जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के खिलाफ चेतावनी जारी की।

शहर पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, हमने कुछ पुलिस दल बनाए हैं और निजी एजेंसियों के साइबर विशेषज्ञों की मदद मांगी है। वे साइबर अपराध प्रकोष्ठ की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध शाखा फेसबुक, व्हाट्सएप्प और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखेगी जिनका अफवाह फैलाने में दुरुपयोग किया जा रहा है। पुलिस ने अब तक 43 मामले दर्ज किए हैं और इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने कहा कि इस तरह के अपराधों पर सात साल से अधिक के कड़े कारावास की सजा दी जा सकती है।

पुलिस के मुताबिक नामक्कल के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर सतीश कुमार ने फेसबुक पर दुर्भावनापूर्ण सामग्री डालने की बात स्वीकार की है और उन्हें अन्नाद्रमुक के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के सचिव जी रामचंद्रन की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी तरह एक वेबसाइट चलाने वाले मदुरै के मदासामी को भी चेन्नई के एक नागरिक की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। (एजेंसी)

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