हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की 10 साल जेल की सजा पूरी हो गई है। जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में तिहाड़ में 10 साल कैद की सजा काट रहे चौटाला की सजा पूरी होने की जानकारी तिहाड़ जेल प्रशासन ने चौटाला के वकील को दी है। चौटाला के वकील अमित साहनी के मुताबिक 22 जून की रात 12 बजे के बाद से चौटाला की सजा पूरी हो गई है। कुछ कागजी कार्रवाई के बाद आधिकारिक तौर पर बुधवार सांय तक रिहाई के आदेश जारी हो जाएंगे। हालांकि ओम प्रकाश चौटाला एक महीने की पैराेल पर अभी तिहाड़ जेल से बाहर ही हैं, ऐसे में उनको अब जेल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साहनी का कहना है कि सजा होने से कल तक सरकारी छूट समेत सभी मिलाकर ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी हो गई है। जेबीटी भर्ती घोटाले में 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को रिहा करने के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को संबंधित रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया था। अदालत ने चौटाला की पैरोल अवधि भी 12 अप्रैल तक के चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की थी। इससे पहले दायर याचिका में चौटाला ने केंद्र सरकार के 18 जुलाई, 2018 की अधिसूचना का हवाला दिया था। अधिसूचना के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसदी वाले दिव्यांग व बच्चे अगर अपनी आधी सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उसकी रिहाई पर विचार कर सकती है।
याचिका में चौटाला ने कहा था कि उनकी उम्र 86 साल की हो गई है और भ्रष्टाचार के मामले में वे सात साल की सजा काट चुके हैं। चौटाला ने यह भी दावा किया था कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसदी दिव्यांग हो चुके थे और जून 2013 में पेसमेकर लगाए जाने के बाद से वह 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो चुके हैं। इस तरह से वे केंद्र सरकार के जल्दी रिहाई की सभी शर्तों को पूरा कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला के रिहा होने से हरियाणा की सियासत मेंं इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) जो 2019 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से मात्र एक सीट पर सिमट गई थी,फिर से अपना खोया जनाधार पाने की कोशिश तेज करेगी। चौटाला की ग्रामीण इलाकों में मजबूत पकड़ है इसका फायदा इनेलो का मिल सकता है। हालांकि 86 वर्षीय चौटाला उम्रदराज होने के नाते कितनी मशक्कत कर पाते यह नहीं कहा जा सकता पर उनका सियासी ब्रांड इनेलो के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।