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हरियाणा चुनाव: बंधवाड़ी लैंडफिल से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं गुरुग्राम निवासी

गुरुग्राम-फरीदाबाद सीमा पर स्थित देश के सबसे बड़े लैंडफिल स्थलों में से एक हरियाणा के बंधवाड़ी गांव के...
हरियाणा चुनाव: बंधवाड़ी लैंडफिल से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं गुरुग्राम निवासी

गुरुग्राम-फरीदाबाद सीमा पर स्थित देश के सबसे बड़े लैंडफिल स्थलों में से एक हरियाणा के बंधवाड़ी गांव के निवासियों के लिए चुनावों का मतलब तस्वीरें खिंचवाने के लिए नेताओं का आना और बड़े-बड़े वादे करके चले जाना है।

स्थानीय निवासी दूषित जल, सांस लेने में परेशानी समेत कई बीमारियों, कारोबार को नुकसान और कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। बंधवारी लैंडफिल साइट 2010 में अपनी शुरुआत के बाद से ही क्षेत्र में कचरे का एक प्रमुख ढेर बन गया है और यहां हर दिन 2,000 टन से अधिक मिश्रित कचरा आता है। इसमें से प्रति दिन 1,400 टन कचरा गुरुग्राम और 600 टन कचरा फरीदाबाद से आता है। दोनों शहरों से उत्पन्न बहुत कम कचरा शोधित किया जाता है।

एक ग्रामीण सुमित रावत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में, गर्मी और मानसून के दौरान अपने घरों के बाहर बैठना तक दूभर हो जाता है। अगर कचरा स्थल से हवा गांव की ओर बहती है तो कोई सांस भी नहीं ले पाता। कचरे ने इलाके के पानी को भी दूषित कर दिया है। हम गांव के बोरवेल से आने वाले पानी में नहा भी नहीं सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हर बार चुनाव के समय नेता आते हैं, तस्वीरें खिंचवाते हैं और घोषणा करते हैं कि कचरा हटा दिया जाएगा लेकिन ये सिर्फ वादे बनकर रह गए हैं।’’ गुरुग्राम-फरीदाबाद राजमार्ग पर एक पेट्रोल पम्प के मालिक धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि लैंडफिल से एक और चुनौती पैदा होती है।

उन्होंने बताया, ‘‘हर दिन यहां कचरे से भरे ट्रक आते हैं और यातायात से समस्या खड़ी होती है। मेरे कर्मचारियों को हर वक्त अपना चेहरा ढके रहना होता है क्योंकि आसपास की हवा बहुत जहरीली है।’’ राजमार्ग पर स्थित ढाबा मालिकों की भी यही समस्या है और यहां बहुत कम ग्राहक आते हैं।

ढाबा मालिक वीरेंद्र तंवर ने कहा, ‘‘यहां बदबू, मच्छर और हर जगह धूल है इसलिए लोग यहां रुकना पसंद नहीं करते। पिछले कुछ वर्षों में हालात बदतर हो गए हैं…पहले इतने खराब हालात नहीं थे।’’ यह लैंडफिल न केवल ग्रामीणों के लिए बल्कि आसपास के भव्य अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के लिए भी एक चुनौती है।

नजदीक के ही एक अपार्टमेंट मालिक दीप्तिमन ने कहा, ‘‘यह हर दिन बदबूदार माहौल में रहने के लिए करोड़ों रुपये देने जैसा है। हम खबरों में सुनते रहते हैं कि कचरे के ढेर को जल्द ही हटाया जाएगा लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं बदला है।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ने अपने विधानसभा चुनाव घोषणापत्रों में इस मुद्दे का जिक्र किया है।

गुरुग्राम जिले के बादशाहपुर से चुनाव लड़ रहे भाजपा के राव नरबीर ंिसह ने कहा कि लैंडफिल की ऊंचाई काफी कम की गई है और कचरे का शोधन किया जा रहा है। बादशाहपुर मतदाताओं की संख्या के लिहाज से राज्य में सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है।

सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कचरे का शोधन किया जा रहा है और इसे काफी कम किया गया है। मैं मानता हूं कि शहर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है लेकिन बंधवाड़ी लैंडफिल सरकार के एजेंडे में है और कदम उठाए जा रहे हैं।’’

हरियाणा के पूर्व मंत्री सिंह शहर में बुनियादी सुविधाओं के अभाव के लिए 2019 से 2024 के बीच जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ भाजपा के गठबंधन को जिम्मेदार ठहराते हैं। बादशाहपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार वर्धन यादव ने कहा कि भाजपा ने 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद इस लैंडफिल को नजरअंदाज किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘लैंडफिल से उत्पन्न चुनौतियों के कारण निवासियों में कैंसर पाया जाने लगा है और दुर्भाग्य से भाजपा सरकार ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। शहर में कचरे के निपटान को लेकर बुरी स्थिति है।’’ हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के समक्ष एक योजना पेश करते हुए कहा है कि इस लैंडफिल साइट से 31 दिसंबर से पहले पुराना कचरा हटा दिया जाएगा। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पांच अक्टूबर को होगा और नतीजों की घोषणा आठ अक्टूबर को की जाएगी।

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