महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिन्दुत्व को बीजेपी और शिवसेना को जोड़ने वाली डोर करार देते हुए दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगा। 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन फडणवीस के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि गठबंधन में कौन बड़ा भाई है, यह अब मुद्दा नहीं है।
इस दौरान फडणवीस ने कहा कि विधानसभा की कुल 288 सीटों में शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के छोटे घटक जैसे आरपीआई और आरएसपी 14 सीटों पर लड़ेंगे शेष 150 सीटों पर बीजेपी लड़ेगी। शिवसेना भी विधान परिषद में बीजेपी के कोटे से दो सीटों की उम्मीद कर रही है। वहीं, बागी प्रत्याशियों के बारे में फडणवीस ने कहा, 'उन्हें अगले दो दिन में नामाकंन वापस लेने को कहा जाएगा या फिर उन्हें उनका सही स्थान दिखा दिया जाएगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकियों को दोनों भगवा दलों के साथ लड़ने पर आशंका थी लेकिन हमारे दिमाग में इसको लेकर कोई सवाल नहीं था।
2014 में बीजेपी-शिवसेना ने अलग लड़ा था चुनाव
बता दें कि 2014 में शिवसेना और बीजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा, 'इस साल के शुरू में हमने फैसला किया था कि गठबंधन लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के लिए भी होगा, तब से हम साथ हैं, कुछ मुद्दों पर मतभेद के बावजूद हमें जोड़ने वाली समान डोर हिन्दुत्व है।'
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं एकनाथ खड़से और कैबिनेट मंत्री विनोद तावड़े सहित अन्य के टिकट काटने पर फडणवीस ने कहा, 'राजनीतिक दल में जिम्मेदारी बदलती है, जो पहले विधानसभा में थे अब वे बाहर रहकर काम करेंगे और जो संगठन में हैं वे विधानसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे।'
'आदित्य भारी मतों से जीतेंगे’
मुंबई की वर्ली सीट से चुनावी राजनीति की शुरुआत कर रहे उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी इस मौके पर मौजूद थे। उनकी ओर इशारा करते हुए फडणवीस ने कहा, 'आदित्य भारी मतों से जीतेंगे। वह पिछले कई सालों से राज्य का दौरा कर रहे हैं और अब विधानसभा में हमारे साथ होंगे।'
'हम पूरे दिल और दिमाग से इस गठबंधन में हैं’
जब आदित्य को मुख्यमंत्री पद पर देखने के शिवसैनिकों के सपने के बारे में पूछा गया तो उद्धव ने कहा, 'सपने देखने में क्या खराबी है।' शिवसेना प्रमुख ने कहा, 'हम पूरे दिल और दिमाग से इस गठबंधन में हैं। बड़ा भाई कौन है और छोटा भाई कौन है यह कोई मुद्दा नहीं है। यह अहम है कि भाइयों के बीच रिश्ते मजबूत हों।'