शरद यादव ने बिहार में हुए नए बीजेपी-जेडीयू गठबंधन का खुलकर विरोध करते हुए कहा कि वह उन लोगों में से एक थे जिन्होंने पार्टी की स्थापना की थी, और वह दबाव में आकर पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यादव का कहना है, "राज्य के लोगों ने महागठबंधन को समर्थन करते हुए वोट दिया था। लोग गठबंधन टूटने से दुखी हैं। मैं पार्टी नहीं छोड़ूगा। मैं जदयू का संस्थापक हूं।"
I founded JD (U), no question of leaving party: #SharadYadav
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— ANI Digital (@ani_digital) August 14, 2017
इससे पहले बिहार जदयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज विधायक रमई राम और पूर्व एमपी अर्जुन राय समेत 21 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर पार्टी से निलंबति कर दिया।
वहीं जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने आज संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी में विभाजन होने के दावों को आज सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शरद यादव की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। त्यागी ने कहा, "शरद यादव ने स्वेच्छा से पार्टी को त्याग दिया है। शरद जदयू के सीनियर नेता रहे हैं। उनकी ओर से जैसे संकेत मिल रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि उन्होंने पार्टी को त्याग दिया है। जदयू से उनके निकाले जाने पर कोई बात नहीं हुई।
त्यागी ने आगे कहा कि शरद यादव अब भी पार्टी में लौट सकते हैं लेकिन अगर वह 27 अगस्त को राजद प्रमुख लालू प्रसाद की रैली में गए तो उसके लिए यह ‘‘बेकार’’ होगा। हालांकि, यादव के प्रति थोड़ा सुर नरम करते हुए कहा कि उन्होंने समाजवाद के लिए काफी 'कुर्बानी' दी है और अगर वह वापस आते हैं तो बड़े भाई की तरह उनका सम्मान होगा।