सपा से राज्यसभा सदस्य ने कहा, भाजपा जानती है कि जब वह चुनाव प्रचार के लिये निकलेंगे तो उसे व्यापारियों का वोट नहीं मिलेगा।
अग्रवाल ने कहा, यह सच है कि वह हाल में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे. चूंकि वह गृहमंत्री हैं, इसलिये वह काम के सिलसिले में उनके पास गये थे। इससे यह अंदाजा नहीं लगाया जाना चाहिए कि वह भाजपा में जा रहे हैं। उनकी आस्था सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और महासचिव रामगोपाल यादव में है।
मालूम हो कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले अग्रवाल के सपा छोड़कर भाजपा में जाने की अटकलें जोरों पर थीं। कांग्रेस से गठबंधन के बारे में अग्रवाल ने कहा कि वह हमेशा कहते थे कि धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को और ताकतवर होकर सामने आना चाहिए। यह काम कांग्रेस के बिना संभव नहीं है। हम कांग्रेस के साथ वर्ष 2019 में भी चुनाव लड़ेंगे।
अग्रवाल ने एक सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अभी हों ना हों लेकिन भविष्य में प्रधानमंत्री पद के दावेवार जरूर होंगे। हम 2019 का चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ेंगे।
सपा के राज्यसभा सदस्य बेनी वर्मा के अपने बेटे राकेश वर्मा को मनचाही जगह से चुनाव का टिकट ना दिए जाने पर नाराजगी जताये जाने के बारे में अग्रवाल ने कहा, बेनी को चाहिये कि वह राज्यसभा से इस्तीफा दे दें। ऐसा करके वह ज्यादा वीरता का काम करेंगे। भीतरघात से उन्हीं को नुकसान होगा। मालूम हो कि बेनी अपने पुत्र राकेश के लिए बाराबंकी की रामनगर सीट चाहते थे, लेकिन उन्हें कैसरगंज सीट से सपा का टिकट दिया गया, जिसे बेनी ने अस्वीकार कर दिया था और अखिलेश पर परोक्ष रूप से प्रहार किये थे।