बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में उनके खिलाफ ‘भारत बंद’ को लेकर जो केस दर्ज किए गए हैं उनको वापस लो, अगर यह मांगें नहीं मानी जाती हैं तो कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बाहर से दिए गए समर्थन पर पार्टी विचार कर सकती है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में ‘एससी-एसटी कानून 1989 और सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण’ की पूर्ण रूप से बहाली की मांग को लेकर दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान भाजपा सरकारों ने जातिगत और राजनीतिक विद्वेषों के कारण निर्दोषों को फंसाया गया है। उन पर चल रहे मामलों को कांग्रेस सरकार वापस ले।
'तीन तलाक पर अड़ियल रवैया छोड़े भाजपा'
बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस की नई सरकारों को किसानों और बेरोजगारों के हितों में तत्काल सार्थक कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार को अपना अड़ियल व्यवहार त्याग कर ‘तीन तलाक विधेयक-2018’ को पहले ‘संयुक्त संसदीय प्रवर समित’ के पास विचार-विमर्श के लिए भेजने की समूचे विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लेना चाहिए।
'चुनावों ने तोड़ा है अहंकार'
उन्होंने कहा है कि वैसे नए साल से ठीक पहले पांच राज्यों में विधानसभा के आमचुनावों में जनता ने भाजपा के अहंकार को तोड़कर व्यापक देशहित में बहुत कुछ बेहतर करने का संकेत दे दिया है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है लेकिन पार्टी के पास सरकार चलाने लायक पूर्ण बहुमत नहीं है। दोनो ही राज्यों में बसपा ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन दिया हुआ है। मध्य प्रदेश में बसपा को दो सीटों पर जीत मिली। वहीं, राजस्थान में मायावती की पार्टी को इस बार हुए विधानसभा चुनाव में छह सीटें मिली थी।