भारत के सियासत में परिवारवाद को जहां राहुल गांधी एक सच्चाई करार दे रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऐलान किया कि उनकी पत्नी डिंपल यादव अब चुनाव नहीं लड़ेंगी। माना जा सकता है कि समाजवादी पार्टी में टूट के बीच अब अखिलेश यादव पार्टी को नए तेवर के साथ पेश करना चाह रहे हैें।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी पर परिवारवाद के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं। ऐसे में शनिवार को एक कार्यक्रम में रायपुर पहुंचे सपा नेता अखिलेश यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यदि बीजेपी और दूसरी पार्टियां भी अपने परिजनों को टिकट ना दें तो मेरी पत्नी भी चुनाव नहीं लड़ेगी।
अखिलेश ने कहा कि यदि हमारा परिवारवाद है तो हम तय करते हैं कि अगली बार हमारी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी।
Agar hamara parivaarvaad hai toh hum tay kartey hain ki agli baar hamari patni chunav nahi ladengi: Former UP CM Akhilesh Yadav pic.twitter.com/vHY5nIKOPP
— ANI UP (@ANINewsUP) 24 September 2017
सपा में सब ठीक नहीं
अखिलेश यादव का बयान ऐसे वक्त में आया है जब उनके पिता मुलायम सिंह द्वारा अलग पार्टी बनाने की बातें कही जा रही है। माना जा रहा है कि 25 सितंबर का दिन अहम हो सकता है। इसी दिन समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव लखनऊ के राम मनोहर लोहिया ट्रस्ट में प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव इस दिन नए मोर्चे को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
एनडीटीवी के मुताबिक, अगर अखिलेश यादव से कोई समझौता नहीं होता है तो 25 सितंबर को नई पार्टी की घोषणा हो सकती है। मुलायम की नई पार्टी का नाम 'अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी' हो सकता है। यादव खानदान की पारिवारिक लड़ाई लंबे समय से चली आ रही है। दो गुट बने हुए हैं। इसमें मुलायम और उनके छोटे भाई शिवपाल एक तरफ और अखिलेश और मुलायम के चचेरे भाई रामगोपाल यादव दूसरी तरफ माने जाते हैं। शनिवार को हुई समाजवादी पार्टी के राज्य सम्मलेन में मुलायम नहीं पहुंचे थे।