बिहार विधानसभा चुनाव की तेज होती सरगर्मियों के बीच उन्होंने यह भी कहा कि शब्दवापसी अभियान को आगे बढ़ाने के लिए 29 अगस्त को स्वाभिमान रैली निकाली जाएगी। नीतीश ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हमारे डीएनए पर अपने शब्द वापस नहीं लिए हैं इसलिए अब हम इस लड़ाई को जनता के बीच ले जाएंगे।’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मुजफ्फरपुर रैली के दौरान नीतीश कुमार का नाम लिए बिना ही टिप्पणी करते हुए कहा था, 'इनके डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है।' अपने भाषण के दौरान उन्होंने नीतीश कुमार को धोखा देने वाला और अपनी व्यक्तिगत नापसंदगी के कारण राज्य व जनता के हितों से समझौता करने वाला बताया था। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर मोदी से यह टिप्पणी वापस लेने की भी मांग की थी और कहा था कि बिहार की जनता इस टिप्पणी से नाराज है।
हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) नेताओं ने नीतीश के पत्र के जवाब में पत्र लिखा कि नीतीश कुमार का मतलब बिहार नहीं है और बिहार का मतलब नीतीश नहीं। राजनीतिक विश्लेषक नवल किशोर चौधरी का कहना है कि नीतीश कुमार मोदी के ‘डीएनए’ वाले बयान से अधिक से अधिक राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी वह इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रहे हैं।