आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की 254 करोड़ रुपये की इक्विटी अटैच कर ली है। विभाग का दावा है कि यह संपत्ति बेनामी है और यह रकम अगस्ता-वेस्टलैंट वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में शेल कंपनियों के जरिए मिली थी। हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन रतुल पुरी के खिलाफ आयकर विभाग के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है। उन पर टैक्स चोरी और मनीलॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।
रतुल के पिता दीपक की कंपनी में लगा था पैसा
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शेयर अटैच करने के अंतरिम आदेश बेनामी संपत्ति कानून की धारा 24(3) के तहत जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह रकम एफडीआई के रूप में ऑप्टिमा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को मिली थी। रतुल पुरी के पिता दीपक पुरी इस कंपनी के प्रमोटर हैं।
सोलर पैनल के आयात में ओवर इनवॉयसिंग
आयकर विभाग का दावा है कि इनके ग्रुप की एक और कंपनी एचईपीसीएल ने सोलर पैनल के आयात में ओवर इनवॉयसिंग की थी, जिसके जरिए 254 करोड़ रुपए आए। यह डील दुबई स्थित ऑपरेटर राजीव सक्सेना की शेल कंपनियों के जरिए हुई। सक्सेना अगस्ता-वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी है। उसे जनवरी में दुबई से भारत लाया गया था। अभी उसे प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर रखा है।
मॉरीशस स्थित शेल कंपनी के जरिए पैसे भारत भेजे गए
जांच एजेंसियों के अनुसार रतुल पुरी के नाम पर सक्सेना ने यह रकम ली थी। इसके बाद मॉरीशस स्थित शेल कंपनी रिगेल पावर लिमिटेड के जरिए पैसे भारत भेजे गए। ऑप्टिमा इन्फ्रास्ट्रक्चर में जो 254 करोड़ निवेश किए गए, वह रकम तत्काल ग्रुप की एक और कंपनी यूनोकॉन इन्फ्राडेवलपर्स को ट्रांसफर कर दी गई। यह कंपनी बाकी ग्रुप कंपनियों के इन्वेस्टमेंट देखती है। आयकर विभाग ने यूनोकॉन में किए गए निवेश को भी अटैच किया है।
क्या है बेनामी संपत्ति, सजा के क्या हैं प्रावधान
बेनामी संपत्ति उसे कहते हैं जिसमें वास्तविक बेनिफिशियरी वह नहीं होता जिसके नाम पर प्रॉपर्टी खरीदी जाती है। बेनामी सौदों पर रोक के लिए नवंबर 2016 में कानून लागू किया था। इसमें सात साल तक जेल और प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू के 25 फीसदी तक जुर्माने का प्रावधान है। सरकार को बेनामी संपत्ति जब्त करने का भी हक है।
1,350 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप
आयकर विभाग ने इस साल अप्रैल में रतुल पुरी और उनके पिता दीपक पुरी के दफ्तरों और कंपनियों पर छापे मारे थे। दावा है कि इसी छापे में इस अवैध लेन-देन के कागजात मिले। तब आयकर विभाग ने कहा था कि रतुल पुरी की कंपनी हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स पर छापे में 1,350 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला है। आयकर विभाग की शीर्ष बॉडी सीबीडीटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स शेल कंपनियों के जरिए ऑपरेट करती है। इसमें फर्जी बिलिंग, आयात की ओवर-इनवॉयसिंग और पैसे की राउंड ट्रिपिंग जैसे आरोप भी लगाए गए थे।