महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सियासत को लेकर तकरार जारी है। मंगलवार को एक बार फिर शिवसेना के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने उनकी पार्टी का ही सीएम होने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि राज्य के मौजूदा सियासी हालात के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने इसे सच्चाई, न्याय और अधिकार की लड़ाई बताया है। गौरतलब है कि लगभग दो सप्ताह का समय गुजरने के बाद भी राज्य में नई सरकार का गठन अब तक नहीं हो सका है। दोनों ही दलों के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर फंसा पेंच सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है। 50-50 फॉर्मूले को लेकर शिवसेना लगातार अपने तीखे तेवर बनाए हुए है। वहीं, भाजपा भी झुकती नजर नहीं आ रही है।
भाजपा भी शरद पवार के संपर्क में!
संजय राउत ने कहा, आप जिसे हंगामा कह रहे हैं, वो हंगामा नहीं है, न्याय और अधिकार की लड़ाई है..मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। शपथ ग्रहण होकर रहेगा और सरकार गठन पर लगा ग्रहण दूर होगा। शरद पवार से मुलाकात की खबरों पर राउत ने कहा कि एनसीपी प्रमुख से बता करने में क्या गलत है? जो हमारे ऊपर उंगली उठा रहे हैं हमें पता है कि वो भी शरद पवार से बाते करने की कोशिश कर रहे हैं। शपथग्रहण पर किसी का एकाधिकार नहीं है।
संजय राउत ने ट्वीट की दुष्यंत कुमार की कविता
इस बीच आज संजय राउत ने दुष्यंत कुमार की एक कविता को ट्वीट किया है। दुष्यंत कुमार की प्रसिद्ध कविता 'सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए' को ट्वीट करते हुए शिवसेना की ओर से राउत ने राजनीति की सूरत बदलने का संकेत भी दिया।
‘देश-राज्य में क्या घटित हो रहा है, इसे जानने का अधिकार हर नागरिक को’
शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी मंगलवार को बीजेपी पर निशाना साधा गया। सामना के संपादकीय का शीर्षक है 'दिल्ली गंदी, महाराष्ट्र स्वच्छ!, अगला कदम कब?' आगे लिखा गया है कि देश और राज्य में क्या घटित हो रहा है इसे जानने का अधिकार हर नागरिक को है। इसमें सोमवार को हुई गृह मंत्री अमित शाह से फडणवीस की मुलाकात का जिक्र भी किया गया है। सामना ने लिखा है कि मुख्यमंत्री, अमित शाह से मिलकर सरकार बनाने के संबंध में बयान देते हैं। मतलब निश्चित ही उन्होंने जोड़-तोड़ की होगी और बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया होगा।
इसके पूर्व शिवसेना द्वारा एनसीपी से संपर्क साधने की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी राज्य में चल रहे सियासी घमासान के बीच सोमवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं।
इससे पहले राउत ने दिया था ये बयान
भाजपा और शिवसेना के बीच जारी घमासान के बीच इससे पहले भी शिवसेना नेता संजय राउत का एक बयान सामने आ चुका है। संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि बीजेपी को कोई ‘अल्टीमेटम’ नहीं देंगे, वे बड़े लोग हैं। संजय राउत ने कहा था कि अगर शिवसेना चाहे तो अपने बूते सरकार बना सकती है। उन्होंने कहा था, ‘हमारा न राजा व्यापारी है, न प्रजा व्यापारी और न ही कार्यकर्ता व्यापारी है। वो (बीजेपी) बड़े लोग हैं। हमने उन्हें कोई अल्टीमेटम नहीं दिया है’। संजय राउत ने कहा था कि लोगों ने 50-50 फॉर्मूले के आधार वोट दिया था। वो इस बार शिवसेना से मुख्यमंत्री चाहते हैं।
भाजपा को 105 तो शिवसेना को मिली हैं 56 सीटें
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के 24 अक्टूबर को सामने आए नतीजे में इस बार भाजपा को 105 सीटें मिली हैं। वहीं, 56 सीटें शिवसेना के खाते में आईं है। दोनों ही दल मिलकर आसानी से सरकार बना सकते हैं। सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत है। लेकिन चुनाव पूर्व 50-50 फॉर्मूला पर समझौते का हवाला देते हुए शिवसेना अपना सीएम बनाए जाने और कैबिनेट में बराबर मंत्री पद देने की मांग पर अड़ी है। इस बार एनसीपी ने 54 सीटों पर और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत हासिल की है। अगर कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन शिवसेना का साथ देने के लिए राजी हो जाती है तो शिवसेना आराम से सरकार बनाने का दावा पेश कर सकेगी।