राजभवन और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के बीच संवाद शुरू करने की कवायद के तहत जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि हुर्रियत के लिए उनका संदेश है कि उन्हें पराया नहीं समझा जाना चाहिए। इसके अलावा मलिक ने अलगाववादी नेताओं को भेजे अपने संदेश में यह भी कहा कि आम जनता के साथ ज्यादती या अन्याय के मामलों की जानकारी सीधे उन्हें दी जाए।
'हुर्रियत के लिए मन में सम्मान लेकिन हमारे विचार अलग'
मलिक ने कहा, 'जहां तक हुर्रियत की बात है तो मेरे मन में उनके प्रति सम्मान है। हालांकि उनकी विचारधारा मुझसे अलग है। उनके विचार अलग हैं और मेरे अलग।' इसके अलावा हुर्रियत नेताओं की शिकायतों पर आवश्यक विचार करने की बात करते हुए राज्यपाल ने उन्हें उनसे सीधे संपर्क करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें (हुर्रियत नेताओं को) लगता है कि कहीं आम जनता के साथ ज्यादती हुई है तो वे सीधे उनसे फोन पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा वे मेरे पास अपना कोई प्रतिनिधि भी भेज सकते हैं। मलिक ने कहा कि वह अन्य लोगों की ही तरह उन्हें देखेंगे।
राजभवन सभी के लिए खोल दिया हैः मलिक
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सभी के लिए राजभवन को खोल दिया है। हुर्रियत नेताओं और राजभवन के बीच संवाद शुरू करने के मकसद से अब तक के अपने पहले बयान में मलिक ने उम्मीद जताई कि उनके साथ किसी भी स्तर पर बातचीत होगी। उन्होंने कहा, ‘मैं राज्य के आम लोगों समेत सभी के फोन कॉल लेता हूं। मेरे मोबाइल और वॉट्सऐप कभी बंद नहीं रहते। मैंने वॉट्सऐप पर आई सभी शिकायतों का समाधान निकालने का प्रयास किया है।’