राष्ट्रपति उम्मीदवार के मुद्देे पर बुधवार को बुलाई जदयू की बैठक में रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया गया है। बैठक के बाद जदयू विधायक रत्नेश सदा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी रामनाथ कोविंद को समर्थन देगी। जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले से रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने की राह और भी आसान हो जाएगी।
बिहार का राज्यपाल रहते हुए रामनाथ कोविंद के संबंध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अच्छेे रहे हैं। ऊपर से कोविंद दलित समुदाय से भी आते हैं। इसलिए पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार कोविंंद की उम्मीदवारी का विरोध नहीं करेंगे।
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से उम्मीदवार के तौर पर जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव का नाम भी चला था। मगर आज पार्टी नेताओं की बैठक में नीतीश कुमार ने इस तरह की अटकलों पर विराम लगाते हुए रामनाथ कोविंंद के समर्थन का ऐलान किया है। अगर नीतीश कुमार अपने इस फैसले पर कायम रहते हैं तो इससे विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की मुहिम को झटका लगेेेेगा।
बुधवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बुलाई गई जदयू कोर कमेटी की बैठक से बाहर आए विधायक रत्नेश सदा ने कहा कि हम रामनाथ कोविंद का समर्थन करेंगे। मुख्यमंत्री ने भी यह कहा है। इस मुद्देे पर अंतिम फैसला 22 जूूून को लिया जाएगा।
क्या करेंगे लालू?
नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद को समर्थन कर अपने महागठबंधन के सहयोगी लालू प्रसाद यादव के लिए दुविधा की स्थिति पैदा कर दी है। लालू केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा व संघ के खिलाफ लगातार हमले बोल रहे हैं। विपक्ष को लामबंद करने में भी उनकी अहम भूमिका है।