तमिलनाडु के एक निजी टीवी चैनल द्वारा सोमवार को जयललिता के निधन की गलत खबर चला देने से अफरा तफरी मच गई। खबर के प्रसारण के बाद अन्नाद्रमुक के कार्यालय में पार्टी के झंडे को भी आधा झुका दिया गया। हालांकि बाद में इसे फिर सीधा कर दिया गया, जिसपर कार्यकर्ताओं ने जमकर खुशी का इजहार किया। इससे पहले जयललिता की मौत की खबर से नाराज सैकड़ों समर्थकों ने अपोलो अस्पताल के बाहर पुलिस पर पत्थर फेंके और बैरिकेड तोड़ डाले। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से समर्थकों के गुस्से पर काबू पाया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपोलो अस्पताल ने आनन-फानन में एक बयान जारी कर टीवी पर चल रही खबर को झूठा बताया और जयललिता का मेडीकल बुलेटीन जारी किया। अस्पताल ने बताया, डॉक्टरों का एक दल मुख्यमंत्री की सेहत पर लगातार नजर रखे हुए है। उसने उन मीडिया रिपोर्टों को पूरी तरह से निराधार और गलत करार दिया, जिसमें विरोधाभासी बातें कही गई थीं। अस्पताल ने कहा, कुछ टीवी चैनल गलत रिपोर्ट दे रहे हैं। उनको सलाह दी गई है कि वे अस्पताल द्वारा जारी विज्ञप्ति के आधार पर अपनी गलती सुधारें।
अपोलो अस्पताल की संगीता रेड्डी ने बताया कि अपोलो और एम्स के डॉक्टरों की एक बड़ी टीम जयललिता को बचाने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है। लंदन के डॉक्टर रिचर्ड बेले ने भी एक बयान में कहा कि जयललिता की स्थिति अत्यंत गंभीर है। उन्होंने कहा, स्थिति गंभीर है, लेकिन मैं इसकी पुष्टि करता हूं कि जो भी संभव है वह किया जा रहा है, ताकि उन्हें इस स्थिति से बचने का सर्वश्रेष्ठ मौका दिया जा सके। विशेषज्ञों की टीम द्वारा उनकी देखभाल की जा रही है और वह अब अत्यंत आवश्यक जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं। इससे पहले रोयापेट्टा में अन्नाद्रमुक मुख्यालय पर पार्टी का झंडा झुका दिया गया। बाद में पार्टी मुख्यालय पर पार्टी का झंडा फिर से सीधा कर दिया गया। गलत खबर और गलगातार कई दिनों से अपने नेता के स्वास्थ्य के संबंध में विरोधाभासी खबरें मिलने से नाराज समर्थकों ने आज जमकर गुस्से का इजहार किया। समर्थकों ने पुलिस बल पर पत्थर फेंके और बैरीकेड तोड़ डाले। कई समर्थक अपनी सीना पीटते हुए रोते हुए भी नजर आए। अस्पताल और पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति से निपटा जा सके।