उनका दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी संपत्ति अपनी इच्छा से उनके और उनकी बहन के नाम कर दी, जिसमें दिवंगत मुख्यमंत्री का पोएस गार्डन स्थित वेद निलयम बंगला भी शामिल है। जयकुमार ने कहा कि शशिकला का शीर्ष पद हासिल करना तमिलनाडु की जनता को स्वीकार नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि पाटी के सदस्य टीटीवी दिनाकरन को अन्नाद्रमुक का उपमहासचिव बनाए जाने के पक्ष में भी नहीं हैं।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए जयकुमार ने दिनाकरन और एस वेंकटेश को दोबारा पार्टी में शामिल करने पर भी सवाल उठाए। जयकुमार ने कहा कि दीपा अन्नाद्रमुक में शामिल हो सकती हैं लेकिन वेंकेटेश और दिनाकरन नहीं। वह स्पष्ट रूप से 2011 का हवाला दे रहे थे, जब इन दोनों को जयललिता ने पार्टी से निकाला था।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह परिवार का शासन लाना चाह रहे हैं। हो सकता है कि इन दोनों ने शशिकला को पार्टी उन्हें सौंप देने के लिए मजबूर किया हो। उन्होंने कहा कि यहां तक कि पार्टी कैडर भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जयकुमार ने कहा कि हो सकता है कि ऐसी स्थिति आए जब पार्टी टूट जाए और द्रमुक को राज्य में सरकार बनाने में समर्थन दे दे।
जयललिता ने 2011 में शशिकला को उनके पति एम नटराजन और भतीजे दिनाकरन, वेंकटेश सहित कुछ अन्य संबंधियों के साथ पार्टी से निकाल दिया था। ओ पन्नीरसेल्वम के बारे में जयकुमार ने कहा कि वह उनका आदर करते हैं। उन्होंने कहा कि वे एक अच्छे मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने कहा कि वे अब भी पार्टी में हैं इसलिए उन्हें हटाने या पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि यह ओ पनीरसेल्वम की ही पार्टी है। (एजेंसी)