कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है। इस कड़ी में पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन में सबकुछ सही नहीं है। देवेगौड़ा ने कहा कि इसमें कोई शंका नहीं है कि कर्नाटक में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं।
‘मगर देखिए कांग्रेस किस तरह बर्ताव कर रही है’
बेंगलूरू में एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने कहा था कि वह हमें पांच सालों के लिए समर्थन दे रही है, मगर देखिए वह किस तरह बर्ताव कर रही है। हमारे लोग स्मार्ट हैं। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है। बता दें कि राज्य में कुमारस्वामी की सरकार है, जिसमें कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन है।
राहुल गांधी से क्या बोले देवेगौड़ा
दरअसल, इससे पहले गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने कहा था कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से कहा है कि कांग्रेस और उनकी पार्टी जेडीएस के कुछ नेताओं द्वारा कर्नाटक में गठबंधन सरकार के बारे में बार-बार सार्वजनिक बयानबाजी किए जाने से वह आहत हैं। देवेगौड़ा की यह टिप्पणी सत्ताधारी जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के नेताओं द्वारा राज्य में लोकसभा चुनाव में गठबंधन के खराब प्रदर्शन के बाद सार्वजनिक रूप से बार-बार मतभेद उजागर करने की पृष्ठभूमि में आई है।
राज्य की कुल 28 लोकसभा सीटों में से मात्र एक-एक सीट ही जीत पाई कांग्रेस-जेडीएस
दोनों पार्टियां इस लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 28 सीटों में से मात्र एक-एक सीट ही जीत पायी थीं जबकि भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की। जदएस प्रमुख ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कम से कम यहां (राज्य कैबिनेट में निर्दलीयों को शामिल करने के) बाद मेरी पार्टी या कांग्रेस द्वारा कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए।
'मैं पहले दिन से देख रहा हूं, मैं बहुत आहत हूं’
देवेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने गांधी से कहा, 'मैं पहले दिन से देख रहा हूं, मैं बहुत आहत हूं। यह पहली बार है जब मैं आपको यह कह रहा हूं। आप कोई निर्णय करिये। कृपया कर्नाटक के अपने सभी नेताओं से कहिये (कि सरकार के बारे में सार्वजनिक रूप से नहीं बोलें)। बुधवार को गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता सिद्धरमैया द्वारा कथित रूप से यह कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर कि गठबंधन सही तरह से काम नहीं कर रहा है और अकेले चुनाव लड़ने पर पार्टी ने अच्छा किया होता, देवेगौड़ा ने कहा, ''मैं फिलहाल इस पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता, अभी काफी समय है।’’
कुछ नेताओं द्वारा यह विचार व्यक्त करने के बारे में पूछे जाने पर कि गठबंधन से दोनों पार्टियों को नुकसान हो रहा है, जेडीएस प्रमुख ने कहा कि गठबंधन का विचार उनका नहीं बल्कि गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का था।
‘परमेश्वर और मुनियप्पा ने हमसे सम्पर्क किया’
देवेगौड़ा ने कहा था,'मैंने उनसे कहा था हम यह (गठबंधन सरकार) नहीं चाहते लेकिन परमेश्वर और मुनियप्पा ने हमसे सम्पर्क किया। (मल्लिकार्जुन) खड़गे ने कहा कि हमें यह आदेश दिया गया है कि यह सुनिश्चित करें कि यह स्वरूप ले। जी परमेश्वर, के एच मुनियप्पा और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।’
उल्लेखनीय है कि दो निर्दलीय विधायकों को हाल में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी नीत कैबिनेट में शामिल किया गया है, जिसका परोक्ष तौर पर लक्ष्य 13 महीने पुराने गठबंधन को मजबूती प्रदान करना है।
जब कर्नाटक में बना कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन
कर्नाटक की 224 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए पिछले साल चुनाव हुए थे। इस चुनाव में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। उसने 104 सीट जीती थीं। वहीं, कांग्रेस को 80 और जेडीएस को 37 सीटें मिलीं। खंडित जनादेश के बावजूद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। बीएस येदियुरप्पा ने शपथ भी ले ली लेकिन जब बात विधानसभा में बहुमत साबित करने की आई तो बीजेपी इसमें फेल हो गई और सरकार गिर गई। इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर लिया। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत पड़ती है।