जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद जानकारी दी, आलम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले इस प्रकरण पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आज दिन में नीतीश कुमार ने कहा था कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। चाहे सांसद हों या विधायक कानून से बड़ा कोई भी नहीं है। नीतीश ने कहा, पुलिस के पास कानून तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है।
राजद सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के पुत्र और अररिया जिले के जोकीहाट से तीसरी बार विधायक आलम को पुलिस ने आज जीआरपी पटना के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन किया है जहां उन्हें घटना के संबंध में बयान दर्ज कराना है। शिकायत के मुताबिक घटना 17 जनवरी की है जब नई दिल्ली जा रही 12423 डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस की ए-4 बोगी में आलम ने रेलगाड़ी में दंपति से कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया। अगले दिन जीआरपी पटना में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोप है कि घटना के समय विधायक बिना टिकट यात्रा कर रहे थे और शराब पीए हुए थे। मीडिया में घटना का फुटेज भी प्रसारित हुआ था।
बिहार जदयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि विधायक को निलंबित करने का निर्णय उनके गलत और अनुचित व्यवहार के कारण किया गया। सिंह ने कहा, जदयू ने पार्टी के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अनुचित व्यवहार की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने कहा, फुटेज देखने के बाद हमें विश्वास हो गया और हमने उन्हें निलंबित करने का निर्णय किया। जदयू ने हमेशा कानून के राज का पक्ष लिया है। यह बड़ी कार्रवाई है।उधर मुख्यमंत्री ने कहा कि जोकीहाट के विधायक ने उनके कार्यालय से 18 जनवरी को संपर्क किया था और उन्हें 19 जनवरी को मिलने का समय दिया गया था। लेकिन वह नहीं आए जिससे स्पष्ट हो गया कि दाल में कुछ काला है। कुमार ने कहा कि किसी भी स्थिति में इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।