मधुपुर का मधु कौन चखेगा मुकाबला शुरू है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते आक्रमण के साथ मधुपुर विधानसभा उप चुनाव के लिए मतदान की गति तेज है। हिंसा की बिना किसी बड़ी घटना के 11 बजे तक 35.61 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है। भाजपा के गंगा नारायण और झामुमो उम्मीदवार हफीजुल ने भी अपने वोट डाले। कतार लंबी है, महिलाओं और अल्पसंख्यकों की मौजूदगी ज्यादा बतायी जा रही है। सुबह सात बजे से 487 बूथों पर मतदान शुरू है। 245 बूथों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गई है। मतदान के लिए बूथों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है मगर लाइन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान नहीं रखा जा रहा। कोरोन संक्रमितों के लिए भी मतदान की व्यवस्था की गई है मगर वे अंत में वोट डाल पायेंगे वह भी पीपीई किट पहनकर वोट डाल पायेंगे। दो मई को चुनाव नतीजा आयेगा तब जाहिर होगा जनता ने किसके सिर ताज पहनाया।
भाजपा और जेएमएम दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। मैदान में छह प्रत्याशी हैं मगर सीधी लड़ाई भाजपा और यूपीए उम्मीदवार के बीच है। दूसरे शब्दों में भाजपा बनाम अन्य। भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी आजसू के गंगा नारायण सिंह को अंतिम समय में अपनी पार्टी में शामिल कर उम्मीदवार बना दिया है। गंगा पिछलीबार ठीकठाक मतों के साथ तीसरे पायदान पर थे। दो टर्म विधायक और रघुवर सरकार में मंत्री रहे राजपलिवार झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी से पराजित हुए थे। पलिवार का टिकट काटते हुए गंगा नारायण को इस बिना पर भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया कि गंगा को खुद का वोट और भाजपा का कैडर वोट हासिल हो गया तो मधुपुर का मधु चखना आसान होगा। गंगा को शामिल किया मगर सहयोगी पार्टी आजसू को नामांकन और प्रचार तक के लिए आमंत्रित नहीं किया। पलिवार अपनी उपेक्षा से खामोश हैं। उनकी खामोशी की कीमत भाजपा को अदा करनी पड़ सकती है। जहां तक यूपीए उम्मीदवार का सवाल है हाजी हुसैन अंसारी के बड़े पुत्र हैं। पिता का उत्तराधिकार संभालने की तैयारी में हैं। हेमन्त सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे हाजी हुसैन अंसारी की पिछले साल तीन अक्टूबर को हुई मौत के कारण यहां उप चुनाव कराया जा रहा है। हाजी हुसैन के बेटे हफीजुल को उम्मीदवार बनाने के पहले ही हेमन्त सोरेन ने हफीजुल को मंत्री बनाकर कल्याण व अन्य विभागों की जिम्मेदारी सौंप दी। मंत्री को जिताने का नारा मैदान में है। हेमन्त सोरेन खुद लगातार कैंप करते रहे।
हेमन्त की सहयोगी पार्टी और सत्ता में शामिल कांग्रेस, राजद के साथ-साथ वामपंथी दलों का भी हफीजुल को समर्थन है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजद के तेजस्वी यादव भी हफीजुल के प्रचार में आये थे। दूसरे जोड़-घटाव के बीच अंतिम समय में जामताड़ा विधायक और कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी ने बाबाधाम में स्पर्श पूजा कर नया विवाद पैदा कर दिया। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की। मामले को सांप्रदायिक रंग दिया गया। यह ध्रुवीकरण कितना रंग लायेगा इसका आकलन तो चुनाव नतीजे के बाद जाहिर होगा।