उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव केलिए झारखण्ड में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पत्ता खोल दिया है। राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव से इतर स्टैंड लिया है। पार्टी ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को वोट करने का फैसला किया है।
पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के हस्ताक्षर से इस संबंध में पार्टी के सांसदों को निर्देश जारी कर दिया है। सोरेन ने कहा है कि पार्टी ने विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया है। सोरेन ने पार्टी के सभी सांसदों को आगामी 6 अगस्त को होनेवाले मतदान में श्रीमती मार्गरेट आल्वा के पक्ष में वोट डालने का निर्देश दिया है। हालही राष्ट्रपति के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने संयुक्त विपक्ष के स्टैंड के विपरीत एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था।
ईडी और केंद्रीय एजेंसियों की तेज होती करवाई के बीच जेएमएम द्वारा भाजपा उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को मतदान को दबाव की राजनीति के परिणाम के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि झामुमो के लोग आदिवासी उम्मीदवार होने का हवाला दे रहे थे। उस समय भी झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का औपचारिक निदेश पार्टी के सांसदों विधायकों को दिया था। हैरत की बात यह रही कि यहां के करीब 50 प्रतिशत कोंग्रेसी विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग करते हुए द्रोपदी मुर्मू को समर्थन दिया था।