कर्नाटक में एक सिविल ठेकेदार संतोष पाटिल की खुदकुशी का मामला अब और तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री के एस ईश्वरप्पा के खिलाफ इस्तीफे को लेकर लगातार सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है। राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा पर आरोप लगाकर सुसाइड करने वाले संतोष पाटिल के मामले में कांग्रेस की तरफ से बर्खास्त की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके विरोध में गुरुवार की दोपहर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आवास तक मार्च के दौरान कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम सिद्दारमैया समेत कई अन्य नेताओं को पुलिस ने बीच रास्ते में रोककर उन्हें हिरासत में ले लिया।
वहीं, इस मामले को लेकर कर्नाटक सीएम ने बुधवार को कहा था कि ठेकेदार संतोष पाटिल खुदकुशी का सच सामने आएगा। मामले की पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि केएस ईश्वरप्पा ने इस्तीफे बारे में क्या कहा ये पता नहीं है, उनसे फोन पर बात करने के बाद ही साफ हो पाएगा। फिलहाल मामले की सारी जानकारी ले रहा हूं।
जानें क्या है मामला
केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल ने मंगलवार को उडुपी में आत्महत्या कर ली थी। पाटिल हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव थे। उन्होंने आत्महत्या के लिए मंत्री को जिम्मेदार बताया। रिपोर्ट के मुताबिक, संतोष पाटिल कुछ दिन पहले लापता हो गए थे और बेलगावी पुलिस ने उनका पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया था। उन्होंने अपने दोस्तों को एक संदेश भेजा था जिसमें कहा गया था कि ईश्वरप्पा उनकी मौत के लिए 'सीधे जिम्मेदार' होंगे और मंत्री को दंडित किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि पाटिल की मौत ने मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था और कांग्रेस ने ईश्वरप्पा को हटाने की मांग की थी, जबकि उनके वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा था।