हालांकि केजरीवाल का कहना है कि यह मुलाकात केवल बेहतर संबंधों के तहत हुई है जिसके राजनैतिक मतलब निकालना ठीक नहीं होगा।
भाजपा के बढ़ते वर्चस्व के बीच विपक्षी दल लोकसभा चुनाव 2019 के पहले गठबंधन के राग अलाप रहे हैं। गठबंधन के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह से देश में विरोध और असहमति के बीच कोशिश हो रही है उन ताकतों को साथ आने की जरूरत है। विजयन का भी कहना है कि लगता है केंद्र की सरकार दिल्ली की चुनी सरकार को नहीं मानती और वह दिल्ली सरकार का समर्थन करते हैं।
गठबंधन पर उनका कहना था कि मौजूदा समय में इसकी जरूरत है तथा भाजपा जैसी ताकतों के खिलाफ सभी दलों को साथ आने की जरूरत है। मालूम हो कि केजरीवाल इससे पहले 2015 में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं और कई मौकों पर सीपीएम नेताओं और ममता के साथ केजरीवाल की मुलाकात हो चुकी है।