बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने पटना में एक बयान जारी कर प्रधनमंत्री से 12 सवाल भी किए तथा कहा कि जनता आपके जवाब का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के अपने आपको प्रधान सेवक बताते हैं। लेकिन आपने जनता के बारे में बिना सोचे समझे इतना बड़ा निर्णय आखिर कैसे ले लिया?
लालू ने कहा कि देश का हर जिम्मेदार नागरिक काले धन के विरोध में है परंतु कालोधन के नाम पर आप पूंजीपतियों के साथ मिलकर आम जनता को परेशान नहीं कर सकते। राजद अध्यक्ष ने कहा कि जिनके पास सचमुच काला धन है, उन पर आप शिकंजा कसिए। आप उन पर कार्रवाई करनेे से क्यों नहीं सक्रिय हैं।
उन्होंने आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री से सवाल किया कि कहीं ऐसा तो नहीं, संघ के आदेश पर ही यह नोटबन्दी का प्रपंच रचा गया? मोहन भागवत मौन क्यों हैं? मोदी सीमा निर्धारित करके बताएं कि उनके वादानुसार लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये कब जमा होंगे?
उन्होंने कहा कि आज देश का किसान परेशान हो रहा है। उसकी दोनों फसलें बर्बाद होने के कगार पर है। किसानों ने क्या बिगाड़ा था? किसानों से किस बात का बदला लिया जा रहा है?' उन्होंने कहा कि देश का किसान निर्धन सही, किन्तु निर्बल नहीं है। देश का किसान मोदी को माफ नहीं करेगा
लालू ने कहा पीएम बताएं कि नोटबंदी के बाद एफडीआई का कितना बिलियन डॉलर देश के बाहर जा चुका है? इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था में अव्यवस्था की छवि वाला जो नकारात्मक संदेश पूरे विश्व में गया है, उससे निकलने में कितना साल लगेगा। पीएम मोदी को बताना चाहिए कि रुपये की कमजोरी और बदतर हालात का जिम्मेवार कौन है? इस कदम से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर कम होगी उसकी भरपाई में कितने वर्ष लगेंगे? विकास दर में गिरावट की जिम्मेवारी प्रधानमंत्री लेंगे या इसके लिए बलि का बकरा ढ़ूढ़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री बताएं कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा कि नहीं? प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि छोटे व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा? असंगठित क्षेत्र के लोगों को हुई असुविधा और नुकसान का हर्जाना कौन भरेगा?