मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने की अटकलों को बुधवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं हैं। उन्होंने अपनी इस टिप्पणी से सिंधिया पर निशाना साधा जिनकी सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च 2020 को पतन हो गया था।
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च 2020 को सूबे की सत्ता में लौट आई थी। सिंघार ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, "दिल्ली से लेकर भोपाल तक के भाजपा नेता मुझसे पिछले कई साल से (दल-बदल के लिए) संपर्क कर रहे हैं। जब कमलनाथ सरकार जा रही थी, तब भी मुझे सब तरह के प्रलोभन दिए गए थे। मैं तब भी भाजपा में नहीं गया क्योंकि मैं उमंग सिंघार हूं… सिंधिया नहीं हूं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों में बुनियादी मुद्दों से मतदाताओं का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के दल-बदल की अटकलों को हवा दे रही है। सिंघार ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग सरीखी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस पिछले 70 साल में इस तरह की राजनीति करती, तो भाजपा आज दिखाई नहीं देती।’’ विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छह बार के विधायक रामनिवास रावत के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होने पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि रावत ने मंत्री पद के लालच में भाजपा का दामन थामा है।
न्होंने कहा, ‘‘ऐसे सत्ताभोगी लोगों के कांग्रेस से जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता।’’ इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए 29 अप्रैल को नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस ले लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंघार ने बम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह ‘‘फुस्सी बम’’ (वह खराब पटाखा जो फटता नहीं है) निकले।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे सूरत हो या इंदौर, कानून और संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। भाजपा देश का संविधान बदलने का प्रयास कर रही है।’’