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जेटली को लिखे पत्र में कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर लगाए कई आरोप

डीडीसीए मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण...
जेटली को लिखे पत्र में कुमार  विश्वास ने केजरीवाल पर लगाए कई आरोप

डीडीसीए मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से माफी मांग ली है। इसके बाद दिल्‍ली हाई कोर्ट ने कुमार विश्वास जेटली द्वारा दायर मानहानि के मामले को बंद कर दिया है।

जेटली को लिखे पत्र में कुमार विश्वास ने अपना पक्ष रखा है। पत्र में लिखी बातों पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल को ही कठघरे में खड़ा किया है। पत्र की कुछ खास बातों पर नजर डालते हैं।

-अरविंद अक्सर कुछ कागज जमा करके हमें कमोबेश हर दल के नेता के भ्रष्टाचार के सबूत कहकर दिखाते रहते थे। 

-हर दल के कार्यकर्ता की तरह हम सबने भी अरविंद बातों पर सदा आंख मूंद कर भरोसा किया था।

-केजरीवाल आदतन झूठे हैं और पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते हमने सिर्फ अरविंद की बात ही दोहराई थी।

-अरविंद केजरीवाल ने उनको व पार्टी कार्यकर्ताओं और देश को धोखे में रखकर कुछ तथाकथित सबूतों के हवाला देते हुए जेटली पर आरोप लगाए थे।

-अरविंद का मानना था कि झूठे आरोप लगाने के कारण हुए मुक़दमों में अगर उसे सजा हुई  तो पद छोड़कर मनीष को मुख्यमंत्री बनाना होगा जिस पर उन्होंने माफी मांग ली।

-बिना पार्टी में चर्चा किए झूठ से लबालब भरी अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए अरविंद का अकेले ही माफी का निर्णय ठीक वैसा ही हुआ, जैसे चलते युद्ध में साथी सिपाहियों को जान जोखिम में डालकर कोई कायर सेनापति पीछे से मैदान छोड़कर न केवल भाग खड़ा हो, बल्कि सामने वाले योद्धाओं के तंबू में जाकर उन्हीं के चरणों पर गिर पड़े।

-अब जब अपनी कुर्सी और सत्ता बचाने के लिए अरविंद ने लाखों पार्टी-कार्यकर्ताओं और मुझ जैसे सबसे पुराने साथी को बिना संज्ञान में लिए आपसे माफी मांगते हुए ये कहा है कि मेरे द्वारा लगाए गए आरोप झूठे थे और मुझे किसी ने गलत कागज लाकर दे दिए थे, तो अब हम सब कार्यकर्ताओं का ये जानना बेहद ज़रूरी हो गया है कि वे आप पर ऐसे आरोप लगाते समय झूठ बोल रहे थे या अब अपनी कुर्सी बचाने के लिए झूठ बोल रहे हैं?

-इस केस के न तो वो तथाकथित-सबूत देने को तैयार है न ही मिलकर इसके बारे में बताने को तैयार हैं।

-अब हाल ये है कि आप के सामने केस लड़ने के लिए सहमत मेरे निजी वकील को भी हमारी पार्टी ने पद से हटा दिया है। न केस के कागज दे रहे हैं और न अरविंद उन नामुरादों के नाम बताने को तैयार है जिनके तथाकथित झूठे सबूतों के कारण हमारी ये फ़ज़ीहत हुई है और हो रही है!

-आप को और आप के परिवार-शुभचिंतकों को हमारे आदतन झूठे नेता के निराधार आरोप और हमारे उसके झूठ को दोहराने से जो कष्ट हुआ है उसके लिए हमें खेद है।

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