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अब लोजपा में क्या हुआ?: बीच में आशीर्वाद यात्रा छोड़ चिराग दिल्ली भागे, जानिए- पीछे की इनसाइड स्टोरी

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) किसकी है? इस पर खींचातानी अभी जारी है। लेकिन, पांच जुलाई से अपने दिवंगत पिता...
अब लोजपा में क्या हुआ?: बीच में आशीर्वाद यात्रा छोड़ चिराग दिल्ली भागे, जानिए- पीछे की इनसाइड स्टोरी

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) किसकी है? इस पर खींचातानी अभी जारी है। लेकिन, पांच जुलाई से अपने दिवंगत पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती पर बिहार में आशीर्वाद यात्रा निकालने वाले बेटा और सांसद चिराग पासवान यात्रा को बीच में छोड़ दिल्ली रवाना हो गए हैं। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया है कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मंत्री पशुपति कुमार पारस के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज किए जाने को लेकर वो अपनी पार्टी के कानूनी सलाहकारों से चर्चा करेंगे और तय करेंगे की आगे की रणनीति कैसे तय की जा सकती है।

दरअसल, लोजपा में पशुपति कुमार पारस गुट ने बगावती तेवर अख्तियार करते हुए चिराग को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया है। वहीं, उसके बाद चिराग ने पारस समेत सभी पांचों सांसदों को पार्टी से बाहर कर दिया है। लेकिन, पिछले दिनों नरेंद्र मोदी कैबिनेट विस्तार में पारस को खाद्य मंत्री बनाया गया है। जिसके लेकर पहले ही चिराग ने पीएम मोदी को अल्टीमेटम भी दिया था, लेकिन वो बेअसर रहा। पशुपति पारस खाद्य मंत्री बन चुके हैं। जिसके खिलाफ चिराग ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां कोर्ट ने याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि चिराग पासवान के तथ्य में कोई आधार नहीं है।

चिराग ने कहा था कि जब पारस को लोजपा से बाहर कर दिया गया है तो फिर वो मंत्री कैसे बन सकते हैं? पारस पार्टी के सदस्य नहीं है। वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पारस को पार्टी का नेता घोषित कर चुके हैं। पारस भी कह चुके हैं कि उनका भतीजा यानी चिराग पासवान रास्ते से भटक चुके हैं।

चिराग पासवान के आशीर्वाद यात्रा का पहला चरण 12 जुलाई तक पूरा होना था। हाजीपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और ख़गड़िया के बाद पार्टी नेताओं के मुताबिक चिराग पासवान को कटिहार, पूर्णिया और अररिया के लिए जाना था, लेकिन यात्रा को बीच में ही छोड़कर चिराग को दिल्ली जाना पड़ा है। अब इन जगहों पर उनकी आशीर्वाद यात्रा 16, 17 और 18 जुलाई को होगी।

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