सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से लोकसभा चुनाव में पांच सीटें मांगी हैं जिनमें तीन उप्र और दो बिहार की हैं।
ओमप्रकाश राजभर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये गये एक विशेष साक्षात्कार में अपनी इस मांग की जानकारी दी। राजभर ने यह भी कहा, ‘‘विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ राजग के लिए कोई ‘‘चुनौती’’ नहीं है, क्योंकि इसके घटक दल आपस में ही लड़ते रहते हैं।’’
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 65 पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ेगी, राजभर ने कहा, ‘‘वह सभी (सीटों पर) चुनाव लड़ेंगे। अखिलेश जी खुद चाहते हैं (नरेन्द्र मोदी) मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें, क्योंकि अगर कांग्रेस (उत्तर प्रदेश में) मजबूत हो गई, तो उनकी पार्टी (सपा) कमजोर हो जाएगी।’’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए राजभर ने कहा, ‘‘अखिलेश (यादव) हमेशा चाहते हैं कि भाजपा मजबूत रहे। अगर यह (भाजपा) मजबूत है, तो वह इसका इस्तेमाल मुसलमानों के बीच डर पैदा करने के लिए करेंगे ताकि वे उनकी समाजवादी पार्टी के साथ बने रहें।’’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री राजभर ने भी यादव पर उनकी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्याक) रणनीति को लेकर तंज करते हुए कहा, ‘‘इसका कोई मतलब नहीं है। समाजवादी पार्टी को ‘एमवाई’ (मुसलमान-यादव) वोट मिले और उन्होंने कई बार (राज्य) सरकार चलाई। सपा को ‘एम’ (मुसलमानों) के वोट मिले और लाभ केवल ‘वाई’ (यादव) को दिया गया।’’
राजभर ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘क्या समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान पिछड़े वर्ग के किसी व्यक्ति को नौकरी मिली है? हर कोई जानता है कि समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान क्या हुआ और किसे फायदा हुआ।’’
राजभर के नेतृत्व वाली सुभासपा ने सपा के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और छह सीटें जीती थीं।
इसके बाद के वर्ष में, पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया, जबकि समाजवादी पार्टी ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया। सुभासपा औपचारिक रूप से राजग में शामिल हो गई है।
भाजपा के सहयोगी के रूप में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उनकी पार्टी की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर, राजभर ने कहा, ‘‘हमारे लोग हमेशा जमीनी स्तर पर कार्य करते हैं। हम हमेशा चुनाव के लिए तैयार हैं।’’
राजभर ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की चुनौतियों को भी खारिज करते हुए कहा,‘‘यह (गठबंधन) कोई चुनौती नहीं है।’’ उन्होंने महिलाओं को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में की गई विवादास्पद टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आप देख रहे हैं कि विपक्षी नेताओं की मानसिकता उनके बयानों में स्पष्ट है।’’
सुभासपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों और 2024 के आगामी चुनावों के बीच कोई खास अंतर नहीं दिखता। ओबीसी राजभर जाति के बीच एक मजबूत समर्थन आधार के साथ, सुभासपा की पूर्वी उत्तर प्रदेश में मजबूत पकड़ है और इसका लक्ष्य पड़ोसी बिहार के निकटवर्ती क्षेत्रों में कुछ संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ना है।
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए राजग सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर राजभर ने कहा, ‘‘हमने भाजपा से उत्तर प्रदेश में तीन और बिहार में दो सीटें मांगी हैं। देखते हैं हमें क्या मिलता है। सीट बंटवारे पर चर्चा अभी बाकी है।’’
राजभर ने कहा कि पार्टी बिहार में भी जमीनी स्तर पर काम कर रही है और कहा, ‘‘हम कटिहार, गोपालगंज (बिहार राज्य के) और अन्य क्षेत्रों में बैठक कर रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ता हमारे आधार को मजबूत कर रहे हैं, जिसके कारण उन्होंने बिहार में दो सीटें मांगी हैं।‘‘
हालांकि, सुभासपा प्रमुख ने सीटों का विवरण देने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘कोई भी सीट दे दें।’’
उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और चार सीटें जीती थीं। मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान राजभर को भी मंत्री बनाया गया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और सुभासपा की राहें अलग हो गईं।
सुभासपा के औपचारिक रूप से राजग में शामिल होने के बाद राज्य में मंत्री पद मिलने के बारे में पूछे जाने पर, राजभर ने कहा, ‘‘यह जल्द ही साकार होगा।’’
उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा, ‘‘भाजपा विधायक आशुतोष टंडन का इस सप्ताह (बृहस्पतिवार को) निधन हो गया… मंत्री पद पर फैसला जल्द होगा।’
राजभर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जुलाई में सुभासपा फिर से राजग का हिस्सा बन गयी है।
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गलियारों में तब से राजभर की कैबिनेट में वापसी के साथ-साथ एक अन्य ओबीसी नेता दारा सिंह चौहान को शामिल करने की चर्चा जोरों पर है।