राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रही सत्ता की खींचतान पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के समर्थन में उपराज्यपाल को कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघवी ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल अनिल कुमार द्वारा दायर जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उपराज्यपाल को भी जनादेश का सम्मान करना चाहिए। उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर इस बात को जायज ठहराया है कि उपराज्यपाल ही दिल्ली की प्रशासनिक प्रमुख हैं और अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों का अधिकार दिल्ली सरकार को नहीं बल्कि उपराज्यपाल को ही है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि उपराज्यपाल को जनादेश का सम्मान करते हुए मंत्रिपरिषद की सलाह एवं सुझाव पर ही काम करना चाहिए। गौरतलब है कि हेड कांस्टेबल अनिल कुमार की गिरफ्तारी मामले में भी केंद्र और राज्य सरकारों की खींचतान जारी थी। अनिल कुमार को दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (एसीबी) ने गिरफ्तार किया था और एसीबी पर दोनों सरकारें अपने-अपने दावे ठोंक रही है।