महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ अन्य नेता आज यानी सोमवार को एमएलसी विधान परिषद की सदस्यता की शपथ ली। इसके साथ ही बीते कई महीनों से चला आ रहा संवैधानिक संकट भी समाप्त हो गया। महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति रामराजे निंबालकर ने सीएम उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य पद की शपथ दिलाई। रामराजे निंबालकर ने आज सोमवार को सीएम उद्धव समेत कुल 9 नवनिर्वाचित एमएलसी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और विपक्षी दलों के आठ अन्य प्रत्याशियों को गुरुवार को राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध सदस्य घोषित किया गया था। ये सभी उम्मीदवार 24 अप्रैल से खाली पड़ी विधानसभा परिषद की नौ सीटों के लिए मैदान में थे। ठाकरे 27 मई को बतौर मुख्यमंत्री अपना 6 महीने का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं लेकिन किसी भी सदन के सदस्य न होने के चलते महाराष्ट्र में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया था।
सीएम उद्धव सहित 9 सदस्यों ने ली शपथ
सीएम उद्धव ठाकरे के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड (सभी बीजेपी) ने भी शपथ लिया। निर्वाचित होने वाले उम्मीदवारों में एनसीपी के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ शामिल हैं। ये सभी उम्मीदवार विधान परिषद की उन नौ सीटों के लिए मैदान में थे, जो 24 अप्रैल को खाली हुई थीं।
गौरतलब है कि इन नौ सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही खाली हुई सीटों को भरने के लिए चार मई को प्रकिया शुरु हुई थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने हाल ही में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधान परिषद के चुनाव करवाने का अनुरोध किया था, जिससे उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के छह माह के भीतर ही विधायिका में निर्वाचित होने के संवैधानिक प्रावधान को पूरा कर सकें।
59 वर्षीय ठाकरे पहली बार विधायक बने
पिछले सप्ताह गुरुवार को ही उद्धव एमएलसी निर्वाचित हुए। इस चुनाव के साथ 59 वर्षीय ठाकरे पहली बार विधायक बने हैं। वह शिवसेना के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उन्हें 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था।
निर्विरोध चुनना तय था
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा राज्य विधान परिषद के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के साथ ही यह तय था कि ठाकरे सरीखे सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने जाएगें। क्योंकि, कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी एक ही सीट पर उम्मीदवार उतारेगी।